मानपुर विकासखंड के बाद मोहला एवं छुईखदान विकासखंड में सघन सुपोषण अभियान का विस्तार

स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वयं सेवी संस्थाओं तथा सामुदायिक सहभागिता से दूर होगा कुपोषण

कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की ली समीक्षा बैठक

समदर्शी न्यूज़ राजनांदगांव

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि जिले में 1 सितम्बर से जिले में कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए मानपुर विकासखंड में सघन सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई थी जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। अब इस अभियान को और तेज करते हुए 1 सितम्बर से मोहला एवं छुईखदान में विस्तारित करते हुए तीनों विकासखंडों में सघन सुपोषण महाअभियान चलाया जाएगा। आजादी की 75वीं वर्षगांठ में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत अतिरिक्त आहार का शुभारंभ जिले के प्रभारी एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत द्वारा मोहला विकासखंड के ग्राम पानाबरस में किया जाएगा। तीनों विकासखंड में सामुदायिक सहभागिता के साथ गहन सुपोषण के लिए कार्य किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वयं सेवी संस्थाओं तथा सामुदायिक सहभागिता जरूरी है। इसके लिए मोहला एवं मानपुर विकासखंड में महावीर समिति द्वारा सहयोग प्रदान करते हुए चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषण किट दिया जा रहा है वहीं छुईखदान विकासखंड में उदयाचल स्वयंसेवी संस्था द्वारा सहयोग दिया जाएगा। इस अभियान के दौरान कुपोषित बच्चों एवं एनीमिक माताओं का चिन्हांकित कर विशेष देखभाल की जायेगी। उन्हें दवाईयां एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने एवं कुपोषण दूर करने का कार्य किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। इसके साथ ही समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करें।

कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि सुपोषण अभियान के दौरान गर्भवती माताओं की हिमोग्लोबिन, सिकलसेल, एचआईवी सहित अन्य जांच करें। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन सक्रियता से कार्य करें। बच्चों एवं महिलाओं की समय पर जांच कर, दवाईयां तथा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने से एनीमिया और कुपोषण को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं को घर में सबसे पहले भोजन दिया जाए। यह संदेश प्रत्येक घरों में जाना चाहिए। इसके लिए जनजागरण का कार्य महत्वपूर्ण है। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि रेडी टू ईट का निर्माण गुणवत्ता के साथ होना चाहिए। बच्चों के खाने में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। शिकायत मिलने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। बच्चों तथा महिलाओं के खाने की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार एवं शुक्रवार को अभियान चलाते हुए बच्चों एवं महिलाओं का टीकाकरण होना चाहिए। बच्चों तथा गर्भवती माताओं को लगाए जाने वाले टीके की सूची आंगनबाड़ी केन्द्र के बाहर लगाएं, जिससे जानकारी मिल सके। उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए कहा कि अब तक लगभग 9 लाख व्यक्तियों को वैक्सीनेशन किया गया है। वर्तमान में जिले में 1 लाख वैक्सीन उपलब्ध है। बुधवार एवं गुरूवार को व्यापक टीकाकरण अभियान चलाकर वैक्सीनेशन पूर्ण करना है। कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने गर्भवर्ती माताओं के पंजीयन, टीकाकारण, एएनसी, संस्थागत प्रसव, हाई रिस्क गर्भवर्ती माताओं के संस्थागत प्रसव के लिए फॉलोअप एवं उपचार, सिजेरियन प्रसव, किशोरी बालिका एवं गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जांच, कोविड वैक्सीनेशन, मुख्यमंत्री हॉट बाजार क्लीनिक योजना, आयुष्मान भारत व खूबचंद बघेल योजना अंतर्गत कार्ड बनाने की प्रगति की समीक्षा की।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि सुपोषण अभियान के अंतर्गत पोषण माह में कुपोषित बच्चों एवं एनीमिक माताओं का चिन्हांकन कर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। महिलाओं तथा बच्चों का स्क्रीनिंग कर शत-प्रतिशत स्वास्थ्य जांच कराई जाएं एवं उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। माताओं के स्वस्थ होने से बच्चे भी स्वस्थ होंगे। इस अवसर डीपीएम श्री गिरीश कुर्रे, श्री अखिलेश चोपड़ा, सीडीपीओ, सुपरवाईजर, स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। वीडियो कांफे्रसिंग के जरिए सभी विकासखंड के बीएमओ जुड़े रहे।

You missed

error: Content is protected !!