तंबाकू मुक्त राज्य की स्थापना के लिए कॉलेज और कॉलेज छात्रों को तंबाकू सेवन से दूर रहने और नशापान के खिलाफ सक्रिय होने की अपील भी की गई.

कार्यक्रम में दुर्गा महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ईकाई ने दिया सक्रिय योगदान.

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में तंबाकू उत्पादों विशेषकर चबाने वाले तंबाकू के उपयोगकर्ताओं की संख्या सर्वाधिक है। इनमें युवा भी सम्मिलित हैं। इसे देखते हुए वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (VHAI) की ओर से अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस” के अंतर्गत कॉलेज छात्रों के लिए ‘संवेदीकरण कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। तंबाकू के हानिकारक प्रभावों और सेकेंड हैंड स्मोक एक्सपोजर से छात्रों को बचाने के उद्देश्य से दुर्गा महाविद्यालय रायपुर में उपरोक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित छात्रों को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया गया साथ ही उनको स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने के प्रति जागरूक भी किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 250 छात्रों ने तंबाकू मुक्त संस्थान और छत्तीसगढ़ बनाने का संकल्प लिया साथ ही तंबाकू नियंत्रण कानून को सख्त बनाने और लोगों से तंबाकू का सेवन नहीं करने की अपील भी की साथ ही ओटीटी विनियमन के लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया I कार्यक्रम में दुर्गा महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ईकाई का सक्रिय योगदान रहा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रतिभा मुखर्जी साहूकार ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण में युवाओं की भूमिका बहुत अहम है क्योंकि आज का युवा ही कल का भविष्य है। विशेषकर तंबाकू उत्पादों के सेवन से खुद को, अपने परिवार और समाज को बचाकर युवा समाज को नई दिशा दिला सकते हैं। इस दौरान उन्होंने कॉलेज छात्रों को तंबाकू का सेवन नहीं करने और तंबाकू मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने में योगदान देने की अपील की।

वहीं कॉलेज एनएसएस यूनिट की कार्यक्रम अधिकारी सुनीता चंसोरिया ने स्वास्थ्य पर तम्बाकू के हानिकारक प्रभाव पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि “ तंबाकू उत्पाद आसानी से उपलब्ध है जिसके कारण आजकल स्कूल-कॉलेज के छात्र भी तंबाकू का सेवन करते देखे जाते हैं। चूंकि युवा ही हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं इसलिए उन्हें तंबाकू सेवन से बचाकर उनके भविष्य की रक्षा करना जरूरी है। लाखों लोगों की जान बचाने के लिए तंबाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा 2003 को मजबूत कर नियम को सख्त बनाने का आग्रह किया।” , उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ को तंबाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए भी कॉलेज छात्र किस तरह मददगार हो सकते हैं। साथ ही तंबाकू मुक्त राज्य की स्थापना के लिए कॉलेज और कॉलेज छात्रों को तंबाकू सेवन से दूर रहने और नशापान के खिलाफ सक्रिय होने की अपील भी की।

तम्बाकू का खतरा और युवाओं पर इसका असर पर वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक अवधेश मल्लिक ने प्रकाश डालते हुए बताया कि “भारत में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (COTPA 2003) नामक तंबाकू नियंत्रण अधिनियम है। लेकिन इस अधिनियम को तम्बाकू नियंत्रण के लिए और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ संशोधनों की जरूरत है। लंबे समय तक, बार-बार धुएं के संपर्क में रहने से छात्रों के गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना होती है।” इस दौरान उन्होंने तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान पर भी प्रकाश डाला। साथ ही वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचएआई) द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।

तंबाकू नियंत्रण की दिशा में छत्तीसगढ़ में राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी वोलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन की राज्य कार्यक्रम अधिकारी सुष्मिता श्रीवास्तव ने देते हुए बताया कि “छत्तीसगढ़ में 39.1% प्रतिशत लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। युवाओं और छोटे बच्चों के बीच तम्बाकू सेवन का व्यापक प्रसार है। इसलिए बच्चों और युवाओं को तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ट की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विशेषकर स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को तंबाकू उत्पादों की पहुंच से दूर रखने और कोटपा अधिनियम 2003 का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।”

इस दौरान केन्द्र सरकार द्वारा ओटीटी विनियमन के बारे में जानकारी साझा की गई I इसकी सभी ने सराहना करते हुए, इसके लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया। कार्यक्रम में युवाओं ने तंबाकू नियंत्रण से संबंधित प्रश्न भी पूछे जिसे विस्तार से विषय विशेषज्ञों ने बताया। कार्यक्रम में कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. मोनिका पटेल सहित काफी संख्या में एनएसएस के पदाधिकारी, छात्र-छात्राएं एवं कॉलेज के छात्र उपस्थित रहे।

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