समदर्शी न्यूज़ – रायपुर : प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित (अस्थायी) कर्मचारी जैसे-आउटसोर्सिंग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, जॉबदर, संविदा, दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक, पृथक अनियमित कर्मचारी की समस्याओं एवं मांगों की समीक्षात्मक प्रक्रिया आरम्भ करने एवं मार्ग प्रशस्त करने हेतु श्रीमती निहारिका बारिक-प्रमुख सचिव, छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में बनी 5 सदस्यीय कमेटी को रिपोर्ट सौंपने समय-सीमा के साथ किन-किन बिन्दुओं पर अनुसंशा की जावेगी तय करे सरकार।

उल्लेखनीय है कि अनियमित (अस्थायी) कर्मचारियों की मांगों पर विचार किये जाने हेतु जनवरी, 2014 एवं मार्च 2019 में भी शासन द्वारा कमेटी गठित की गई थी, लेकिन उक्त कमेटी की कोई अनुशंसा प्रकाश में नहीं आई। उक्त कारणों से प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों के मन में आशंका है कि पूर्व की भांति यह कमेटी दिखावा मात्र का न हो, बल्कि ठोस पहल कर अनियमित कर्मचारियों की मुद्दों पर समय-सीमा में सरकार को अनुशंसा सौंपे

प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत 7 लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी 150 से अधिक संगठनों के माध्यम से अपने विभिन्न मांगो के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। ये अनियमित कर्मचारी विगत 5, 10, 15, 20, 25 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है तथा प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। समान कार्य करने के बावजूद ये नियमित कर्मचारी से आधे से कम वेतन में कार्य करने विवश है। वर्तमान में इनकी स्थिति मध्यकालीन बन्धुआ मजदूर से बदतर है। बेरोजगारी, आर्थिक असुरक्षा, पारिवारिक जिम्मेदारी, प्रशासनिक दबाव के कारण ये अनियमित कर्मचारी अनियमित नौकरी करने मजबूर हैं। उपरोक्त कारणों से समाज के पढ़े-लिखे नव-युवा/युवतियां मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे है।

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन एवं 85 सहयोगी संगठनों के कर्मचारी माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करते है कि हमारी समस्याओं/मांगों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करेंगे।

दस सूत्रीय माँग :-

1. दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर, संविदा, समतुल्य मानदेय/जॉबदर (न्यूनतम वेतन/संविदा दर तुल्य) पर कार्यरत कर्मचारियों को तत्काल नियमित/स्थायीकरण किया जावे।

2. जॉबदर में कार्यरत कर्मचारियों को मासिक न्यूनतम वेतन पर समायोजित किया जावे तथा नियत अवधि के भीतर नियमितीकरण/स्थायीकरण किया जावे।

3. न्यून मानदेय कर्मचारियों को पद हेतु निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जाये तथा एक नियत अवधि के भीतर नियमितीकरण/स्थायीकरण किया जावे।

4. विगत वर्षों में निकाले गए छंटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जावे।

5. अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे तथा एक नियत अवधि के भीतर नियमितीकरण/स्थायीकरण किया जावे।

6. संस्था या कार्यालय में जहाँ कुछ माह के लिए कार्य लिया जाता है, वहां वर्ष भर कार्य लिया जावे।

7. आउटसोर्सिंग (प्लेसमेंट) के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को विभाग में समायोजित पश्चात् एक नियत अवधि के भीतर नियमितीकरण/स्थायीकरण किया जावे।

8. ठेका/समिति के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को विभाग में समायोजित कर, एक नियत अवधि के भीतर नियमितीकरण/स्थायीकरण किया जावे।

9. सेवा प्रदाता के रूप में कार्यरत कर्मचारियों को विभाग में समायोजित कर, एक नियत अवधि के भीतर नियमितीकरण/स्थायीकरण किया जावे।

10. धरना-प्रदर्शन के दौरान अनियमित कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमा को शून्य किया जावे।

अनुमानित अनियमित कर्मचारियों की संख्या :-

भाग – एक :-

1. प्लेसमेंट (आउट सोर्सिंग)-40615

2. ठेका/सेवा प्रदाता-30946

3. मानदेय-44654

4. जॉबदर-6832

5. अंशकालीन-5831

6. दे.वे.भो./कलेक्टर दर /श्रमायुक्त दर श्रमिक-31821

7. संविदा-49935

उपयोग (भाग-एक) – 210634

भाग-दो :- न्यूनतम मानदेय एवं जॉब दर पर

8. प्रशिक्षित गौसेवक, PAIW, मैत्री – 1200

9. मीटर रीडर – 6000

10. कैम्पा सुरक्षा श्रमिक – 29

11. आयुष योग प्रशिक्षक – 182

12. पंचायत भृत्य – 5000

13. पंचायत कंप्यूटर ऑपरेटर – 5654

14. किसान मित्र – 9254

15. स्कुल सफाई कर्मचारी – 43301

16. मध्यान्न भोजन रसोइया – 87025

17. मितानिन – 72240

18. आंगनबाड़ी/मिनी कार्यकर्त्ता – 52474

19. आंगनबाड़ी  सहायिका  – 46660

20. राजस्व ग्राम अधिकारी (पटेल) – 16000

21. स्वछता दीदी – 9000

22. बिहान कैडर – 115632

23. (पेपोइंट, बीसी सखी) डिजिटल महिला – 5000

24. बहुउद्देशीय पुनर्वास सहायक कार्यकर्त्ता – 28

25. दिव्यांग कार्यकर्त्ता – 1600

उप योग (भाग-दो) – 476279

भाग-तीन :-

26. पृथक अनियमित कर्मचारी – 39934

महायोग – 7,26,847.

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