छत्तीसगढ़ सरकार 4 रुपए लीटर की दर से खरीदेगी गौ-मूत्र

गौ-मूत्र खरीदी और इससे कीटनाशक बनाने की तैयारी पूरी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में 28 जुलाई हरेली पर्व से गौ-मूत्र खरीदी की शुरुआत करने जा रही है। गौ-मूत्र 4 रूपये लीटर की दर से खरीदी की जाएगी। प्रदेश सहित जिले के अकलतरा विकासखंड के ग्राम तिलई गौठान में हरेली त्यौहार 28 जुलाई से इसकी शुरूआत की जा रही है। जिले की सभी गौठानों में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने हरेली त्यौहार को बेहतर तरीके से मनाने और राज्य सरकार की मंशानुरूप आयोजन करने कहा है। उन्होंने सभी गौठानों में विभागीय अधिकारियों, नोडल अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। जिले में हरेली पर्व के अवसर पर गौठानों में पारंपरिक खेल जैसे गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौंरा प्रतियोगिता, नारियल फेक प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

हरेली तिहार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जन-जीवन खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। सावन मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह त्यौहार प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का लोकपर्व है। हरेली के दिन किसान अच्छी फसल की कामना के साथ धरती माता का सभी प्राणियों केे भरण-पोषण के लिए आभार व्यक्त करते हैं। सभी लोग बारिश के आगमन के साथ चारो ओर बिखरी हरियाली और नई फसल का उत्साह से स्वागत करते हैं।

गोधन न्याय योजना को विस्तार देते हुए राज्य सरकार इस साल हरेली तिहार से गौठानों में 4 रूपए प्रति लीटर की दर से गो-मूत्र की खरीदी की शुरूआत करने जा रही है। इस गो-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह द्वारा जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किये जाएंगे। इससे रोजगार और  अतिरिक्त आय का नया जरिया मिलने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और कृषि लागत कम होगी। गौ-मूत्र से बने कीट नियंत्रक उत्पाद का उपयोग किसान रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी और महंगे रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता कम होगी। इन नवाचारों ने हरेली को प्रदेश में जैविक खेती और आर्थिक सशक्तिकरण के नए अध्यायों का प्रतीक बना दिया है।  

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