मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए महिला कोष से आदेश हुआ जारी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

रायपुर, मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित महिला कोष ने महिला स्व-सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण की सीमा को बढ़ाए जाने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में महिला समूहों को पहली बार दी जाने वाली ऋण की सीमा अब एक लाख से दो लाख रूपए, दूसरी बार दिए जाने वाली ऋण की सीमा दो लाख से चार लाख रूपए तक बढ़ाई गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीजा-पोरा त्यौहार के कार्यक्रम के अवसर पर समूह की महिला-बहनों को बड़ी सौगात देते हुए समूहों की ऋण सीमा को बढ़ाए जाने की घोषणा की थी। महिला कोष द्वारा पहले समूहों को आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रथम बार 50 हजार तथा दूसरी बार 2 लाख रूपए का ऋण दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर प्रथम बार में एक से दो लाख रूपए तथा दूसरी बार में दो से चार लाख रूपए तक किया गया है।

महिला कोष द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वावलंबन की गतिविधियों से जोड़ने के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को तीन प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यौन उत्पीड़ित और एचआईव्ही पीड़ित महिलाओं सहित तृतीय लिंग के व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस योजना से जोड़ा गया है।

महिला कोष से जुड़े समूहों के 12 करोड़ 77 लाख के कालातीत ऋण हुए माफ

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए महिला कोष से जुड़े समूहों के एक अगस्त 2021 के पूर्व प्रदान किए गए ऋण और ब्याज की राशि कुल 12 करोड़ 77 लाख 53 हजार 132 रूपए माफ कर दी गई है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने तीजा-पोरा त्यौहार के कार्यक्रम के अवसर पर समूह की महिला-बहनों को बड़ी सौगात देते हुए महिला कोष की ऋण योजना के अंतर्गत सभी महिला समूहों के कालातीत ऋणों को माफ़ करने की घोषणा की थी, ताकि वे पुनः ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियाँ आरम्भ कर सकें।

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