अब तक लगभग 750 मत्स्य कृषकों को जाल, 100 मत्स्य पालको को मत्स्य बीज स्पान और 1490 मत्स्य पालकों को तकनीकी ज्ञान प्रशिक्षण दिया गया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. जशपुर चारों तरफ से हरे भरे पेड़ पौधे, पहाड़, झरने और प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण जिला माना जाता है। यहॉ के अधिकांश किसान खेती, बाड़ी के साथ मछली पालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन और गाय पालन के माध्यम से अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित कर रहें हैं। मत्स्य पालन भी किसानों के लिए आमदनी का अतिरिक्त जरिया है। मत्स्य विभाग के द्वारा किसानों को मछली पानल के लिए निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है साथ ही गौठानों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को भी मछली पालन करने के लिए तालाब गहरीकरण करके दिया गया है ताकि समूह की महिलाएॅ मछली पालन से आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकें।

इसी कड़ी में मछली पालन विभाग द्वारा मत्स्य पालकों को 10 दिवसीय एवं 03 दिवसीय मछुआ प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके तहत वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 तक 1490 मत्स्य पालकों को तकनीकी ज्ञान प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे जिले के मत्स्य उत्पादन में वृध्दि हुई एवं मत्स्य पालकों के आय में वृध्दि के साथ-साथ उनका जीवन स्तर भी सुदृढ हुआ।

विभागीय योजना अन्तर्गत मत्स्य कृषकों को मत्स्याखेट हेतु जाल प्रदाय किया जाता है, वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक लगभग 750 मत्स्य कृषकों को जाल प्रदाय किया गया है, जिससे मत्स्य कृषकों को मछली पकड़ने में सुविधा हो रही है साथ ही उनका जाल का किराया भी बच जा रहा है, जाल नहीं होने पर मत्स्य पालक किराये पर जाल लेकर मछली पकड़ते थे जिससे उनको मुनाफा कम होता था। विभाग द्वारा जाल प्रदाय किये जाने पर उनका जाल का किराया बच जाता है जिससे उनको अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही  है।

विभागीय योजना अन्तर्गत फुटकर मत्स्य विक्रेताओं को मोटर साईकिल सह ऑईस बॉक्स प्रदाय किया जाता है, वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक लगभग 35 फुटकर मत्स्य विक्रेताओं को योजना का लाभ दिया गया है जिससे वे गांव-गांव जाकर ताजा मछली विक्रय का कार्य कर रहे हैं ताजा मछली का दाम काफी अच्छा मिलता है उनकों अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है तथा उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है।

विभागीय योजना अन्तर्गत मौसमी तालाबों में मत्स्य बीज संवर्धन अन्तर्गत जशपुर जिले में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक लगभग 100 मत्स्य पालको को मत्स्य बीज स्पान प्रदाय किया गया है, योजना का लाभ लेकर किसान अपने तालाबों में ही मत्स्य बीज फिंगरलींग का उत्पादन कर अपने आस-पास के मत्स्य पालकों को सीधा मत्स्य बीज विक्रय कर रहे है। जिससे मात्र 3-4 माह में ही किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है तथा कृषकों का मत्स्य पालन के प्रति रूझान भी बढ़ रहा है।

सेविंग कम रिलिफ योजना अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक लगभग 600 मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े हितग्राहियों को 3000 रूपये प्रत्येक हितग्राही के मान से प्रदाय किया गया है, जिससे मत्स्याखेट पर प्रतिबंधित अवधि 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लग जाने के दौरान उनको अतिरिक्त आय का साधन प्राप्त हो रहा है जिससे उनके परिवार के आय में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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