बैठक में अनुपस्थित गोठान नोडल अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

कलेक्टर चंदन कुमार गोधन न्याय योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना कई विभागों के समन्वय से योजना को सफल करना है। जिले में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में निर्धारित नोडल अधिकारियों द्वारा गोठानों का सतत निरीक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट रूपांतरण के कार्य में आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिए।

गुरुवार को कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आयोजित बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रकाश सर्वे, कृषि विभाग के उप संचालक श्री श्रीवास्तव सहित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी और गोठान से संबंधित नोडल अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों द्वारा गोठानो का सतत निरीक्षण नहीं करने पर नाराजगी जाहिर किए। उन्होंने समीक्षा बैठक में अनुपस्थित गोठान नोडल अधिकारियों पर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किए।

कलेक्टर श्री कुमार ने वन विभाग द्वारा आवर्ती चराई योजना में कम गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट नहीं बनवाने के कार्य में लापरवाही के लिए नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन में संवेदनशीलता दिखाने के निर्देश दिए। उन्होंने पोर्टल में भी आॅनलाईन एन्ट्री करवाने पर जोर दिया। उन्होंने बैठक में कृषि विभाग के मैदानी अमलों को सभी गोठानों में निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने गौठानों में योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जनपद सीईओ को भी जनपद स्तर पर समीक्षा करने के निर्देश दिए।

बैठक में गोठान निर्माण की प्रगति एवं अपूर्ण गोठानों को पूर्ण करने की कार्ययोजना, गोबर क्रय, कम्पोस्ट उत्पादन, विक्रय व उपयोग (ग्रामीण एवं शहरी), पिछले पखवाडा में कम गोबर खरीदी वाले गोठान की समीक्षा, गोबर का रूपांतरण का प्रतिशत कम वाले गोठान, स्व-सहायता समुह एवं गोठान समिति को भुगतान, पैरादान की प्रगति, स्वावलंबी गोठान हेतु कार्ययोजना, गोधन न्याय योजना पोर्टल पर एंट्री व सुधार की प्रगति, गौमूत्र क्रय एवं उपयोग को बढ़ावा देने और स्वावलंबी गोठान की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा किया गया।

ज्ञात हो कि गोधन न्याय योजनांतर्गत 10 जनवरी को समीक्षा बैठक में जिले के 148 गोठानों में कम्पोस्ट उत्पादन का कन्वर्जेन्स दर 30 प्रतिशत से कम पाये गये गोठानों की समीक्षा कर कन्वर्जेन्स दर में कमी के कारणों का पता कर आवश्यक सुधार करने के दिए गए थे।

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