मसीह धर्मावलंबियों ने खजूर पर्व धूमधाम से मनाया

समदर्शी न्यूज़ डेस्क, रांची

संत मरिया महागिरजाघर सहित शहर के अन्य गिरजाघरों में खजूर पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। खजूर डाली के साथ शोभायात्रा जुलूस और मिस्सा पूजा का आयोजन किया गया।

प्रारम्भिक धर्मविधि व जुलूस यात्रा की शुरूआत संत जोन्स स्कूल खेल मैदान से हुआ। खजूर की डाली हाथ मे लिये गगनचुंबी नारे, धार्मिक गीतों के धुन तथा प्रार्थना करते हुए ईश भक्ततों ने करबला टैंक रोड से मिशन चौक होते हुए महागिरजाघर मुख्यद्वार से चर्च में प्रवेश किया जुलूस तदोपरांत समारोही मिस्सा पूजा संपन्न हुआ।

संत मरिया महागिरजाघर के समारोह के मुख्य अनुष्ठाता राँची महाधर्मप्रांत के महा धर्माध्यक्ष बिशप फेलिक्स टोप्पो थे। आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने प्रवचन में कहा कि प्रभु येसु हमसे अनंत प्रेम से प्रेम करते हैं. उनके हृदय में मनुष्य जाति के प्रति, जो उनकी ही संतान हैं,  प्रेम और करुणा भरा है। जब प्रभु येसु ख्रीस्त यरुशलेम में प्रवेश कर रहे थे, तब उन्हें मालूम था कि क्या होने वाला है. कि चार दिन बाद विश्वासघाती उन्हें पकड़वायेगा. शिष्य भाग जायेंगे. उन्हें क्रूस की मृत्यु मिलेगी. पर उनके हृदय में एक कामना थी, एक दृढ़ प्रतिज्ञा थी, कि मैं स्वयं को बलिदान चढ़ाऊंगा. ताकि लोगों को मुक्ति मिले और लोग प्रभु के स्वर्ग में पहुंच सकें.  जबकि, उनके शिष्य सोच रहे थे कि येसु खुद को राजा घोषित करेंगे, एक बड़ा नेता घोषित करेंगे. बड़ी सेना स्थापित करेंगे और रोमियो को भगायेंगे. वे  उनके राजदरबार में दरबारी बनेंगे। लेकिन येसु तो दिलों  के राजा हैं, स्वर्ग के राजा हैं उनके राज्य का अंत कभी नहीं होगा।

ईसा मसीह स्वर्ग और पृथ्वी के साथ संपूर्ण ब्रम्हांड के राजा हैं – फादर प्रफुल बड़ा

बरियातू पल्ली में भी खजूर पर्व धूमधाम से मनाया गया

वहीं बरियातू पल्ली में भी खजूर पर्व धूमधाम से मनाया गया। सम्पूर्ण समारोह के मुख्या अनुष्ठाता फादर प्रफुल बड़ा थे तथा उन्हें फादर लिब्रातुस बड़ा, फादर दीपक, फादर अमृत तथा फादर अशोक कुजूर ने सहयोग  दिया।   बाइबल पाठ तथा धार्मिक गीतों का संचालन पल्ली पुरोहित  फादर जोन हेनरी की अगुवाई में पल्ली  काथलिक सभा एवं काथलिक  महिला संघ के संयक्त संचालन में सम्पन्न हुआ।

फादर प्रफुल बड़ा ने अपने प्रवचन में कहा आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व ईसा मसीह ने अपने मृत्यु के पहले यरूशलेम शहर में प्रवेश किया था वहां के लोगों ने येसु ख्रीस्त को राजा के रूप में स्वागत किया था। धनी लोगों ने सड़क पर कपड़ा बिछाए और जिनके पास बिछाने के लिए कपड़ा नहीं था वे जैतून और खजूर की डाली को उसके मार्ग पर बिछाया । येसु ख्रीस्त  इतने दीन स्वभाव के थे कि राजा होकर भी गधा में सवार होकर शहर प्रवेश किया था। उसी की यादगारी में आज के दिन में खजूर पर्व के द्वारा इस घटना की याद करते हैं और ईसा मसीह को अपने दिलों आप परिवारों में राजा के रूप में स्वागत करते हैं।  उन्होंने आगे कहा कि ईसा मसीह स्वर्ग और पृथ्वी तथा संपूर्ण ब्रम्हांड के राजा हैं और उनके साम्राज्य का अंत नहीं होता है। उनके राज्य में प्रेम, शांति ,समृद्धि , न्याय, क्षमा, सेवा एवं एकता पाया जाता है। फादर जोन हेनरी के आभार प्रदर्शन व आगामी कार्यक्रमों की सूचना के साथ खजूर पर्व समारोह समाप्त हुआ।

खजूर त्योहार मानने के आशय:

खजूर त्योहार प्रति वर्ष ईटर के पूर्व के रविवार को मनाया जाता है। इसे खजूर रविवार या पाम संडे भी कहते है।  इसी के साथ  चालीसा का अंतिम चरण तथा पुण्य सप्ताह प्रारंभ होता है।  आज के दिन सभी गिरजाघरों एवं पूजा स्थलों को खजूर की पत्ती व डाली से सजाया जाता है।  यह त्यौहार ईसा मसीह के मृत्यु के पूर्व यरूशलेम शहर प्रवेश होने की यादगारी में मनाया जाता है। ईसा मसीह को यहूदी जनता ने उनके नगर प्रवेश करने पर भव्य रूप से स्वागत किया था। 

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