पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन के साथ आधुनिक समाज के रीति-रिवाज़ों के अनुरुप भक्तों ने केक भी काटा और वृहद् पैमाने पर भण्डारे का भी आयोजन किया, जिसमें हज़ारों लोगों ने श्रद्धा भाव से ग्रहण किया प्रसाद.

समदर्शी न्यूज डेस्क

वाराणसी : अध्यात्म की चरम अवस्था, अघोर-परंपरा, से जुड़े स्थानों पर एक चीज़ आपको देखने को ज़रुर मिलेगी। आध्यात्मिक-धार्मिक प्रायोजन के साथ मानव सेवा का सन्देश। अघोर-परंपरा से जुड़े  साधू-साधक हो या फ़िर भक्त-श्रद्धालु जन, अध्यात्मिक आभा के साथ मानव सेवा भाव का संदेश अविरल प्रवाहित होता है। और बात जब काशी स्थित इस, अघोर परंपरा के तीर्थस्थान विश्वविख़्यात अघोरपीठ बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड’ की हो तो अध्यात्म की चरम अवस्था के साथ मानव सेवा की अनुभूति स्वतः परिलक्षित होने लगती है। विभिन्न मौक़ों पर इसकी झलक भी देखने को मिलती है।

ऐसा ही एक अवसर होता है 01 मई का। दुनिया भर में इस तारीख़ को ‘श्रमिक दिवस’ के रुप में मनाया जाता है। लेकिन अघोर-परंपरा में इस तारीख़ को ‘श्रमिक दिवस’ के साथ पूरी दुनिया में अघोर-परंपरा के ईष्ट, आराध्य  परंपरा के वर्तमान मुखिया और  बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड’ के पीठाधीश्वर, अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी के अवतरण दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में 01 मई 2023 को बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी का 54 वां अवतरण दिवस, बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड’  सहित अघोर-परंपरा से जुड़े, सभी आश्रमों में धूमधाम से मनाया गया । पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन के साथ आधुनिक समाज के रीति-रिवाज़ों के अनुरुप भक्तों ने केक भी काटा और वृहद् पैमाने पर भण्डारे का भी आयोजन किया, जिसमें हज़ारों लोगों ने श्रद्धा भाव से प्रसाद ग्रहण किया।

देश भर में अघोर-परम्परा के हर आश्रम में भंडारे, वस्त्र वितरण के ज़रिये अघोर-परंपरा की असल तासीर, मानव-सेवा की भी झलक हर जगह देखने को मिली। लेकिन ग़ौरतलब रहा  समाजिक संस्थान, ‘अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान’, की महिला मंडल’ शाखा का कार्य। मानवीय सेवा से जुड़े कार्यों में बढ़-चढ़ कर भागीदारी करने वाली ‘महिला मंडल’ की रुबी सिंह, संगीता सिंह, नीलम पांडेय, कुसुम सिंह, मधु सिंह, बबिता, चिंता ओझा, सत्या सिंह सहित मंडल की समस्त महिला सदस्यों के अथक प्रयास से जौनपुर जिले के सिटी स्टेशन और बस स्टैंड पर वॉटर-कूलर तथा व्हील चेयर की व्यवस्था की गई। गर्मी के मौसम को देखते हुए नाद (पशुओं के चारा व जल का पात्र) का भी इंतज़ाम महिला मंडल’ की तरफ़ से किया गया। इसके अलावा  गर्मी से बचाव के लिए  महिला मंडल’ की तरफ़ से ही सैकड़ों की संख्या में गमछा भी वितरित किया गया। इस तरह धूमधाम और मानवीय सेवा के साथ हर्षोल्लास संपन्न हुआ अघोराचार्य का अवतरण दिवस’

error: Content is protected !!