समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में संचालित किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 41 अंतर्गत पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत् देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले 05 बालकों को मॉडल गाइड लाईन फॉर फास्टर केयर 2016 के प्रावधानानुसार अस्थाई संरक्षण में दिये जाने हेतु फास्टर में भारतीय दम्पत्तियों से आवेदन आमंत्रित है।

फास्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि वह बालक को समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रय, शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण, आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा, आयु एवं रूचि अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण, बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति बालक की शोषण, दुर्व्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करें। इसके साथ ही फास्टर केयर मार्गदर्शिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्वों एवं शर्तों तथा बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।

ऐसे भारतीय दम्पति जो देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई रूप से संरक्षण में लेना चाहते है। उसे बालक के हित के लिए प्रति माह 4 हजार रूपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगा, वे जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जशपुर के कार्यालय में सम्पर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते है। आवेदन के पश्चात् उक्त अधिनियम एवं गाइड लाईन के प्रकाश में गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पान्सरशिप एवं फास्टर केयर अनुमोदन समिति की अनुशंसा के आधार पर जिले की बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख एवं संरक्षण हेतु बालक, संबंधित दम्पति को फास्टर केयर में दिया जा सकेगा।

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