समारोह में 17 को बैचलर इन थियोलॉजी, 25 को बैचलर इन फिलोसोफी तथा 5 को डिप्लोमा इन फिलोसोफी प्रदान किया गया

समदर्शी न्यूज़ डेस्क.

राँची : संत अल्बर्ट्स कॉलेज राँची में शैक्षणिक सत्र 2023-24 का शुभारंभ उद्घाटन समारोह के साथ किया गया। इस समारोह में विभिन्न गतिविधियों को सम्मिलित किया गया जिसके अंतर्गत मिस्सा बलिदान, नये सत्र की घोषणा, दीप प्रज्वलन, स्वागत संबोधन, अवार्ड परितोषण, अतिथियों का संबोधन तथा स्कॉला ब्रेविस रहा। समारोह के मुख्यातिथि कॉलेज के चांसलर व रांची महाधर्मप्रान्त के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो तथा विशिष्ट अतिथियों में कॉलेज के वाईस चांसलर व खूंटी के धर्माध्यक्ष विनय कंडुलना थे। इस अवसर पर कॉलेज के स्टाफ, विद्यार्थी, गोसनेर कॉलेज के विद्यार्थी व स्टाफ एवं अतिथिगण उपस्थित हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत मिस्सा पूजा से हुआ जिसके मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो थे। प्रवचन में उन्होंने कहा, आप यहाँ नबी, चरवाहा तथा शिक्षक बनने के लिये प्रशिक्षित किये जाते हैं। ईश्वरीय प्रज्ञा के साथ मानवीय मूल्यों को आत्मसात करके उनकी गहराई तक जाने की जरूरत है। पवित्र आत्मा प्रज्ञा, ज्ञान और समझदारी को अंगीकृत करता है। इसलिए सत्र के शुरुआत से पवित्र आत्मा को धारण करके चलना है। आध्यत्मिक अनुभित व चेतना को जगाने की आवश्यकता है। ईश्वर द्वारा प्रदत्त गुणों को दूसरों की सेवा के लिए समर्पित करें जैसे प्रभु येसु ख्रीस्त ने किया। 

अतिथियों के दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम के दूसरे चरण का सत्र प्रारंभ हुआ। तद्पश्चात रेक्टर फादर अजय खलखो के द्वारा स्वागत संबोधन किया गया। कॉलेज के  प्रेसिडेंट फादर जोन क्रास्ता ने सत्र के मूल विषय ‘सिनोडल वे ऑफ वैवरन्ट कम्युनिटी’ पर चिंतन के लिये आह्वान किया।  इस विषय पर प्रकाश डालने हेतु जमशेदपुर एक्स.एल.आर.ई के बिज़नेस एथिक्स के प्रोफेसर डॉ. फादर कुरविल्ला एसजे थे।  उन्होंने जानकारी साझा करते हुए कहा सिनोडल का तातपर्य है एक साथ यात्रा करना। यह  आशा और आनंद की यात्रा है। ईश्वर को खुद के दिल की गुफा, प्रकृति, तथा एक दूसरे में ढूढें। हमें हर प्रकार की भ्रांति व क्रांति से बचना चाहिये। मानव मूल्य के साथ प्रकृति की भी रक्षा हो। विश्व शांति, एकता, न्याय, के लिये निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।

इस मौके पर बिशप विनय कंडुलना ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा शिक्षण संस्थाओं में रहना ही काफी नहीं है। क्लास या पुस्तक से ही नहीं बल्कि संतो एंवं महाआत्माओं के जीवन से भी सीखें। येसु का जीवन अनुकरणीय है उन्के  ज्ञान में परिपूर्ण होने की जरूरत है। येसु के प्रेम से भर जाना है। स्वयं प्रज्जवलित हों ताकि औरों को प्रकाशित कर सेकं। उन्होंने प्रभु के वचन पर चिंतन करने और उन्हें जीवन में क्रियान्वयन  करने की सलाह दी। अंत में उन्होंने पूरे कॉलेज को सत्र प्रारंभ होने पर शुभकामनाएं दिया।

अवार्ड परितोषण भाग का संचालन फादर रैमन तोबियस टोप्पो ने किया।  सिस्टर नेस्सा को पीएचडी तथा फादर सोलोमन लुगुन, फादर सुमित डुंगडुंग को एमटीएच डिग्री दिये जाने तथा 18 विद्यार्थियों को मोरल एंड साइंस एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा डिग्री दिये गये हैं उसकी जानकारी दी। इस समारोह में 17 को बैचलर इन थियोलॉजी, 25 को बैचलर इन फिलोसोफी तथा 5 को डिप्लोमा इन फिलोसोफी प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में ब्रदर सतीस केरकेट्टा के द्वारा आभार प्रकट किया गया। मंच का सफल संचालन ब्रदर क्लिंटन लेपचा ने किया।

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