भारतमाला परियोजना को लेकर एनएचएआई के अनान फानन मे किये जा रहे जनसुनवाई पर संसदीय सचिव यूडी मिंज ने जताई आपत्ति

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संसदीय सचिव ने कलेक्टर रितेश अग्रवाल  से बात की और जनसुनवाई टालने को कहा

भारत माला परियोजना के अंतर्गत प्रभावित क्षेत्र हर ग्राम में जनसुनवाई करने को कहा

उद्योगपति दोस्तों को सड़क बेचने का प्लान कर रही है केंद्र सरकार:-यूडी मिंज

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर, भारतमाला सड़क परियोजना के तहत जशपुर जिले में पत्थलगांव से साईटाँगर टोली तक 104 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 04 दिसम्बर को बिना जानकारी के जनसुनवाई रखे जाने की खबर से  संसदीय सचिव व कुनकुरी विधायक यूडी मिंज ने गहरी आपत्ति  जताई है।

कुनकुरी विधायक मिंज को सुबह जब सलियाटोली में बेरिकेटिंग की खबर मिली। कुछ भूस्वामियों ने बताया कि अचानक जनसुनवाई की नोटिस मिलने की सूचना से हड़बड़ा गए हैं। वहीं बहुत से भूस्वामियों को इसकी नोटिस भी नहीं मिली है।

इन सब बातों को लेकर संसदीय सचिव ने कलेक्टर रितेश अग्रवाल  से बात की और जनसुनवाई टालने को कहा। श्री मिंज ने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत जिले में सड़क बनाने की तैयारी के सम्बंध में एनएचएआई ने किसी भी सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को जानकारी नहीं दी है ना ही इस विषय को लेकर कोई चर्चा की गई है। इस परियोजना को गुपचुप तरीके से शुरू करने के पीछे जशपुर जिले की जैव-विविधता, आदिवासी सभ्यता-संस्कृति, आबो-हवा को खत्म करने की गहरी साजिश लगती है। उल्लेखनीय है कि जैव विविधता के लिए जशपुर जिला आरक्षित है।

विधायक की आपत्ति की खबर मिलते ही प्रोजेक्ट मैनेजर सिंह ने संसदीय सचिव को फोन कर जनसुनवाई होने देने पर बात की।  करीब 20 मिनट की चर्चा में संसदीय सचिव जनसुनवाई को टालने पर अड़े रहे। उन्होंने बताया कि जिले के कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारी जनसुनवाई को लेकर तैयार नहीँ हैं। अभी धान की कटाई चल रही है किसान खेत में है । उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस सड़क के बनने से कई किसानों की जमीन जाने से उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। आदिवासी,अनुसूचित जाति,पिछड़ा वर्ग के लोगों का जाति प्रमाण पत्र भी नहीं बन पाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजर भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि 50 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे काटेंगे।इस सड़क के बनने से ग्लोबल वार्मिंग कम नहीं होगी बल्कि बढ़ेगी।

विधायक ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि अखबार में इश्तेहार लगा देने से क्या उस किसान को पता चल गया कि उसकी जमीन जा रही है ? पर्यावरण विभाग का कार्यालय रायगढ़ से संचालित होता है जिन अधिकारियों को पता होना चाहिए कि यह अनुसूचित क्षेत्र है । बड़ी बात है कि हजारों करोड़ की नई सड़क बनाने से अच्छा होता कि रेल लाइन बिछाई जाती। उन्होंने केंद्र सरकार की इस परियोजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकारी सम्पत्तियों को बेचने वाली सरकार अब सड़क भी अपने उद्योगपति दोस्तों को बेचने का प्लान कर रही है ।

ज्ञात हो कि यह सड़क नेशनल हाइवे 43 के कुनकुरी ,बेमटाटोली, धुमादांड, कंडोरा,रायकेरा,चराईडांड, खटंगा, पतराटोली,बम्हनी,लोरो पँचायत से सड़क के समानांतर की जमीनों के खसरा नम्बर अंकित हैं ।

विधायक यू.डी. मिंज ने भारत माला परियोजना सड़क को लेकर निम्न बिंदुओं में किया है विरोध-

  • जिला जशपुर 5वी अनुसूचित क्षेत्र होने के कारण प्रत्येक ग्राम में जन सुनवाई लिया जाए
  • प्रोजेक्ट के अनुसार पहले के एनएच 43 के समांतर भारत माला की सड़के  बनेंगे, जिसका अधिक लाभ नही दिख रहा
  • अभी खेती किसानी का समय है, जनसुनवाई के लिए आमजनो को पहले ही सूचित करना चाहिए था।
  • साथ ही विधायक ने केंद्र सरकार पर सड़क बेचने के संभावना  पर कहा की “टोल टैक्स” से  क्षेत्र के इनोसेंट  ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा।” जिसमे 300से 400 रुपए तक लोगो को टोल पटना पड़ेगा।
  • एनएच 43 पिछले सात साल से लंबित है, उसपे काम होना चाहिए।
  • इस योजना से बेहतर काम तो जशपुर को रेल लाइन से जोड़ना चाहिए।

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