विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण के व्यापक प्रभाव को मद्देनज़र रखते हुए जशपुर धर्मप्रान्त में इस वर्ष भी क्रिसमस त्यौहार सादगी से मनाया जायेगा – बिशप एम्मानुएल केरकेट्टा

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

कुनकुरी/जशपुर,  जशपुर धर्मप्रान्त के बिशप एम्मानुएल केरकेट्टा ने कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए धर्मप्रान्त के सभी पल्लियों में क्रिसमस पर्व सादगी से मनाने की अपील की है। उन्होंने इस वर्ष का त्यौहार को भौतिक नहीं बल्कि आध्यत्मिक एवं पारिवारिक रूप से मनाने का सुझाव दिया। उन्होंने उक्त  बातें   कैथोलिक सभा प्रतिनिधयों की बैठक में कही। कैथोलिक सभा प्रतिनिधि ने महसूस किया कि महामारी का असर वयापक है इसलिए परिस्तिथियों को ध्यान में रखते हुए निम्न निर्णय लिया गया है.

कोविड -19 का मापदंड का सख्ती से पालन किया जाय। स्वयं  के साथ दूसरों की भी सुरक्षा  का ध्यान हो। सार्वजनिक तथा धार्मिक गतिविधियों में सामाजिक दूरियाँ बनाये रखें। पर्यावरण सुरक्षा मद्देनजर पटाखे का उपयोग नही करे। वाहन चलाते समय परिवहन का नियम पालन हो अर्थात नशा से दूर रहें,  हो सेक तो पूरे सीजन में नशापान से दूर रहें । अन्य भौतिक वस्तुओँ में अनावश्यक खर्च न करें  बल्कि  गरीबों के लिये दान करें या परोपकारी हित में दे।

बैठक के समापन के पूर्व  बिशप केरकेट्टा ने कहा  हम आगमन काल में हैं ईसा मसीह के जनमोत्स्व मनाने की तैयारी कर रहे हैं यह त्यौहार मनाना तभी सार्थक होगा जब हम प्रभु द्वारा दिखाये रास्ते पर चलते है, जब हम जरूरतमंद को मदद पहुंचाते हैं,  निस्वार्थ सेवा देते तथा सभों के साथ समान भाव से प्रेम रखते हैं। मैं सभों को आगमन की अच्छी तैयारी तथा क्रिसमस त्यौहार की शुभकामनाएं देता हूँ।

क्रिसमस येसु का जनमोत्स्व:

हर वर्ष क्रिसमस त्योहार खुशियां, उमंग और विश्वास लेकर आता है। यस त्यौहार 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ईसाई मत अनुसार इसी दिन प्रभु येसु ने इस संसार में जन्म लिया। प्रभु येसु के जन्म उत्सव की खुशी ना केवल ईसाइयों के द्वारा बल्कि संपूर्ण विश्व के लोगों  द्वारा मनाया जाता है। इस दिन का इंतजार बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक रहता है।  इस पर्व को मनाने के पूर्व  इसकी तैयारी उत्साह पूर्वक की  जाती है।  इन तैयारियों में आंतरिक और बाह्य रूप से की जाती है। आंतरिक का तात्पर्य आध्यात्मिक तैयारी जिसके अंतर्गत प्रभु का वचन को सुनना, चिंतन करना, त्याग तपस्या करना, क्षमा करना, मेल-मिलाप संस्कार में भाग लेना, परोपकारी कार्य करना इत्यादि शामिल है।  वही बाह्य रूप से तैयारी का तात्पर्य है गिरजाघर तथा निजी घरों को साफ सुथरा करना, श्रृंगार करना, चरणी बनाना, क्रिसमस करोल का गायन करना, कार्ड ववितरण करना, नए कपड़े खरीदना, तोहफा देना, मिठाई -केक बनाना आदि।

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