अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने एवं एमबीए के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक सफर संवर्धित करने भा.प्र.सं. रायपुर ने तीन दिवसीय कार्यकर्म का किया आयोजन
December 15, 2023समदर्शी न्यूज़, रायपुर
भा.प्र.सं. रायपुर ने हाल ही में एक गतिशील तीन दिवसीय संलाप का समापन किया जिसका आयोजन भा.प्र.सं. रायपुर की अंतर्राष्ट्रीय संबंध समिति द्वारा किया गया। इसमें अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने और एमबीए के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक सफर संवर्धित करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया गया। भा.प्र.सं. रायपुर के निदेशक प्रोफेसर राम कुमार ककनी ने 11 से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान वैश्विक सहयोग और एक संयुक्त केस हाउस की स्थापना पर चर्चा की। 11 दिसंबर को, चर्चा में रणनीतिक वैश्विक सहभागिताओं और पहलों की गहराई से पड़ताल की गई जिनका उद्देश्य छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक क्षितिज व्यापक बनाना है। अगले दिन, फॉक्स स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट में प्रतिष्ठित केस लेखक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बर्ट्रेंड गिलोटिन के साथ एक उल्लेखनीय केस कार्यशाला ने केस क्राफ्ट के शिक्षण के संबंध में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। इस सत्र से न केवल समझ बढ़ी, बल्कि गुणवत्तायुक्त एमबीए शिक्षाशास्त्र के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता में भी मजबूती आई, जिससे 13 दिसंबर को “अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उभरते रुझान, आपके एमबीए के सफर में मूल्य संवर्धन” विषय पर एक समापन सत्र का मंच तैयार हुआ, जिसकी विशेषता डॉ. गिलोटिन का विशिष्ट वार्तालाप होगी।
आईआरसी समिति के अध्यक्ष डॉ. नवनीत भटनागर ने सम्मानित अतिथि का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस सत्र के दौरान, डॉ. गिलोटिन ने रणनीतिक योजना बनाने के महत्व और व्यक्तिगत जीवन और वैश्विक परिदृश्यों पर इसके प्रभाव पर बल दिया। अपने व्यापक अनुभवों के आधार पर, उन्होंने अपने एमबीए के सफर की अंतर्दृष्टि साझा की, जिसमें उन्होंने जीवन में बदलाव लाने वाले निर्णय लेने के महत्व पर उनके व्यापक प्रभावों पर विचार कराते हुए प्रकाश डाला। उन्होंने श्रोताओं को अनुकूलनशीलता को अपनाने, गलतियों से सीखने के लिए प्रोत्साहित किया और समर्पित प्रयासों के माध्यम से सकारात्मक वैश्विक प्रभाव डालने के महत्व पर बल दिया।
चिंतनशील संवाद में, डॉ. गिलोटिन ने अपनी लीक से हटकर राह का वर्णन किया, जिसमें सेना में बिताया गया एक वर्ष और प्रौद्योगिकी उद्योग में उनका कार्यकाल शामिल था। छात्रों को गतिहीनता से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने विनम्रता और उत्कृष्टता के अनुशीलन के महत्व पर बल दिया। इसके बाद चले प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों को डॉ. गिलोटिन के साथ सहभागिता करने का अवसर मिला, जिसमें उन्होंने व्यावहारिक प्रश्न पूछे, जिससे इस संलाप में गहराई आ गई।
आभार प्रकट करने के प्रतीकस्वरूप, डॉ. पार्थसारथी बनर्जी ने डॉ. गिलोटिन को एक मोमेंटो भेंट किया, जो उनकी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और योगदान के प्रति अकादमिक समुदाय की कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक था।