छत्तीसगढ़ के 12 जनजाति समूहों को मिले संवैधानिक अधिकारों का लाभ, संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत शीघ्र अधिसूचित किया जाए – श्रीमती फूलोदेवी नेताम

छत्तीसगढ़ के 12 जनजाति समूहों को मिले संवैधानिक अधिकारों का लाभ, संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत शीघ्र अधिसूचित किया जाए – श्रीमती फूलोदेवी नेताम

December 15, 2021 Off By Samdarshi News

ध्वन्यात्मक/लेखन/उच्चारणगत विभेद होने से जनजाति की अधिसूचित हिन्दी सूची में शामिल नहीं

छत्तीसगढ़ सरकार लगातार केन्द्र से कर रही पत्राचार, लेकिन कोई राहत नहीं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ राज्य में 12 जनजातीय समूहों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग की। श्रीमती नेताम ने लिखा जनजाति की अधिसूचित हिन्दी सूची में ध्वन्यात्मक/लेखन/उच्चारणगत विभेद होने पर इन जनजाति समूहों को मौजूदा प्रविष्टियों में शामिल नहीं किया गया। सौंरा (संवरा, सवर, सवरा), भारिया भूमिया (भूईया, भूईयाँ, भूयां, भियां), धनवार (धनुहार, धनुवार), नगेशिया (नागसिया), धांगड़, बिंझिया, गदवा, कोड़ाकू, कोडाकू, कोंद (कोंध), पंडो, पन्डो, पण्डो, भरिया, भारिया, गोंड, गोंड़ समुदायों को मात्रात्मक त्रुटि संशोधन/ समावेश कर अनुच्छेद 342 के अन्तर्गत अधिसूचित किया जा सकता है।

श्रीमती नेताम ने लिखा कि इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय से दिनांक 15.10.2020, 08.02.2021 एवं 06.12.2021 को पत्र भी भेजे गए है लेकिन अभी तक वंचितों को न्याय नहीं मिल सका है।

श्रीमती नेताम ने लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य की उक्त 12 जनजातियों को संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित किया जाए जिससे संवैधानिक अधिकारों से वंचित जनजाति समूहों को न्याय मिल सके।