सीएम विष्णुदेव साय के ड्रीम प्रोजेक्ट को भूपेश शासन काल में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, पक्की छत से टपक रहा पानी, टाईल्स की फर्श से निकल रही दीमक, अपने निर्माण को लेकर कृषि महाविद्यालय का भवन एवं हॉस्टल सवालों के घेरे में..पढ़िए अनोखे भ्रष्टाचार की विशेष रिपोर्ट पार्ट – 1

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समदर्शी न्यूज़, कुनकुरी/जशपुर : प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने अपनी विधानसभा में कृषि विज्ञान की शिक्षा से क्षेत्र के युवाओं को कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिये कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र का सपना देखा था। इस सपने के साकार होने में सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार ने दीमक लगा दी। अब विद्यार्थियों को भ्रष्टाचार के इस काण्ड का दंश झेलना पड़ रहा है। शिक्षा प्राप्त करने से अधिक अपनी सुरक्षा के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है।

यह बड़े सौभाग्य की बात है कि तत्कालीन सांसद विष्णुदेव साय के प्रयासों से कुनकुरी में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र भुपेश बघेल के शासनकाल में बनकर तैयार हो गया। इसके साथ ही दो छात्रावास भी बनकर तैयार हो गये हैं। सभी में आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रदेश के कोने-कोने से चयनित छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। अब इसे विडम्बना ही कहें कि इस बड़ी उपलब्धि के नीचे दबे दीमकों ने विद्रोह कर दिया और छत पर कौव्वों ने भी बैठना बंद कर दिया है।

हम बात कर रहे हैं सीएम हाउस बगिया से कुनकुरी आते समय नेशनल हाइवे पर पंडरीपानी गांव में बने नए नवेले दो भवनों का जो शायद 2 करोड़ 28 लाख की लागत से बने हैं। इस भवन में छात्रों के पढ़ने, रहने, खाने की अच्छी व्यवस्था है लेकिन भवन ही खराब बना है। कृषि महाविद्यालय 18 जुलाई 2019 को आईटीआई कॉलेज कुनकुरी में खोला गया जो नवम्बर 2023 में पंडरीपानी गांव में नव निर्मित भवन में शिफ्ट हुआ। इस महाविद्यालय के अधिष्ठाता (डीन) डॉ. ए. के. सिन्हा हैं। कॉलेज में वर्तमान में कुल 22 स्टॉफ़ हैं। कॉलेज का बेहतर प्रबंधन इस बात से पता चलता है कि यहां स्टूडेंट्स ही भोजन का मैनेजमेंट स्वयं सम्भालते हैं। यहां डीन ने फ्री वाईफ़ाई की सुविधा दी है। पूरा कैम्पस सीसीटीवी कैमरे से लैस है। इस आवासीय महाविद्यालय के हॉस्टल में 40 छात्र और 25 छात्राएं हैं। हॉस्टल अप्रैल 2024 से शुरू हुआ है। यह महाविद्यालय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अधीन संचालित है।

सरकारी संस्था के डीन डॉ. सिन्हा के साथ जब कॉलेज व हॉस्टल का मुआयना किया गया तो उनमें कॉलेज और हॉस्टल को जोड़ने के लिए सड़क की कमी, बाउंड्रीवाल की कमी, स्टाफ़ क्वार्टर की जरूरत, कॉलेज बस की जरूरत, बिजली का लंबे समय तक बार-बार चले जाना जिससे छात्रों की परीक्षा की तैयारी बाधित होना, बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जनरेटर की जरूरत महसूस की गई।

हॉस्टल में मौजूद छात्रों ने बताया कि बिल्डिंग का बहुत ही निम्न स्तरीय निर्माण कराया गया है। छत से पानी रिस रहा है जिससे कमरे में पढ़ाई करना, सोना मुश्किल हो गया है। टाईल्स लगे फर्श से दीमक निकल रहे हैं। बिजली की वायरिंग में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। चार्जर लगाने से डर लगता है। छात्रों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से बहुत अच्छी जगह कॉलेज और हॉस्टल बना है लेकिन ठेकेदारों ने घटिया काम करके बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया है। जिसकी जांच होने के बाद भूपेश सरकार में जिम्मेदार रहे लोगों के खिलाफ जांच की जाए। वहीं इस मामले में डीन ने कहा कि हम बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। ठेकेदार से बात कर रहे हैं।

बहरहाल, अब देखनेवाली बात होगी कि दीमक लग चुके भवन को बनाने वाले ठेकेदार और भुपेशकालीन इस भ्रष्टाचार में कमीशन लेने वाले लोगों पर विष्णु सरकार कितनी सख्त कार्रवाई करती है और इस भवन की गुणवत्ता में कैसे सुधार लाती है ? सरसरी तौर पर कृषि महाविद्यालय परिसर का अवलोकन करने पर प्रारंभिक रूप से निर्माण में हुई अनियमित्ताएं एक नज़र में सामने आ रही है। पूरे प्रकरण की गहन जांच तकनिकी विशेषज्ञों द्वारा किये जाने पर भ्रष्टाचार की कई परते खुलेंगी।

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