अचानक हृदय की धड़कन रूक जाने पर चेस्ट कम्प्रेशन एवं कृत्रिम श्वांस देकर बचायी जा सकती है मरीज की जान
June 6, 2024बेसिक लाईफ सपोर्ट एवं एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट कार्यशाला के दूसरे दिन पोस्ट ग्रेजुएट रेडिजेंट्स ने सीखा गोल्डन पीरियड में जीवन बचाने के तरीके
समदर्शी न्यूज़, रायपुर : पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में बेसिक लाईफ सपोर्ट एवं एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के अलग-अलग विभागों के पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट्स प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सम्मिलित हुए। चिकित्सा महाविद्यालय के एनेस्थेसिया एवं पेन मैनेजमेंट विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज की चौथी मंजिल स्थित स्किल लैब में आयोजित किये जा रहे कार्यशाला में गुरुवार को एनेस्थीसिया, पीएसएम, ऑप्थेल्मोलॉजी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन और ईएनटी के रेजिडेंट्स डॉक्टर शामिल हुए। कार्यशाला में बेसिक लाईफ सपोर्ट एवं मरीज के हृदय की ईसीजी के अवलोकन करने (रीड करने) के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। बेसिक लाईफ सपोर्ट में कार्डियक अरेस्ट के विभिन्न उम्र के मरीज जैसे- वयस्कों एवं बच्चों को जीवनदायी प्रक्रिया जैसे चेस्ट कम्प्रेशन एवं कृत्रिम श्वांस देकर जान बचाने के तरीकों के बारे में बताया गया। कोर्स कोआर्डिनेटर एवं एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि हार्ट अटैक एवं अन्य हृदय से संबंधित मरीजों की समय रहते गोल्डन पीरियड में सही ईलाज हो सके, इसके लिए ईसीजी को सही ढंग से अवलोकन करना आना चाहिए। अम्बेडकर अस्पताल के इमर्जेंसी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. शिवम पटेल ने बताया कि वयस्क, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में सीपीआर का तरीका भिन्न-भिन्न होता है। बच्चों में सीपीआर के संबंध में उन्होंने बताया कि यह एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है जो तब की जाती है जब बच्चे की सांस या दिल की धड़कन रुक जाती है। यह डूबने, दम घुटने या चोट लगने, या फिर हृदय संबंधी समस्या के बाद हो सकता है। सीपीआर में रेस्क्यू ब्रीदिंग बच्चे के फेफड़ों को ऑक्सीजन प्रदान करता है। छाती के दबाव के जरिए बच्चे में रक्त का प्रसार जारी रहता है।
इस कार्यशाला के कोर्स इंस्ट्रक्टर डॉ. प्रतिभा जैन शाह, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. शिवम पटेल एवं डॉ. अनीषा नागरिया हैं। गुजरात से विशेष रूप से प्रशिक्षण देने के लिए डॉ. जनक खम्बोल्झा एवं डॉ. पल्टियाल पैलेट आए हुए हैं। एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट और बेसिक लाइफ सपोर्ट अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन से प्रमाणित तकनीकें हैं। इनकी मदद से किसी व्यक्ति की जीवन-रक्षा की जा सकती है। शुक्रवार को इस कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन दोपहर एक बजे आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. के. पात्रा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न होगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के तौर पर सीएमई जे. पी. पाठक, डीएमई डॉ. यू. एस. पैंकरा, डीन डॉ. तृप्ति नागरिया एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस. बी. एस. नेताम समारोह में शामिल होंगे।