CG BIG NEWS : छत्तीसगढ़ में अब गौ तस्करी करते पकड़े गए तो होगी 7 साल की जेल

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समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 16 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी को रोकने के लिए डीजीपी अशोक जुनेजा ने गौवंश व दुधारु पशुओं के अनाधिकृत परिवहन (तस्करी), वध व मांस की बिक्री आदि की रोकथाम तथा संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के संबंध में आदेश जारी किया है।

इसके मुताबिक तस्करी करते पकड़े जाने पर 7 वर्ष की जेल और 50हजार जुर्माना भी। इस आदेश पर डिप्टी सीएम गृह विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब गौ तस्करी संभव नहीं है।

प्रदेश में गौवंश व दुधारू पशुओं का अनाधिकृत परिवहन/तस्करी, वध व मांस की बिक्री आदि घटनायें प्रकाश में आई है। इन घटनाओं में संलिप्त अभियुक्तों को चिन्हित करते हुये इनके विरूद्ध प्रभावी विधिसम्मत निरोधात्मक कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। विदित हो कि इस अपराध पर प्रभावी नियंत्रण न हो पाने के कारण इस क्रूर प्रवृत्ति के प्रति जनता में काफी आक्रोश उत्पन्न होता है, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इस प्रकार के अवैध कृत्यों में संलिप्त आरोपियों के विरूद्ध एक विशेष अभियान चलाकर समूल उन्मूलन किया जावे। उक्त घटनाओं की रोकथाम हेतु निम्नलिखित निर्देश दिये जाते है :-

1. कानूनी प्रावधानों का उपयोग :- उपरोक्त घटनाओं के रोकथाम व नियंत्रण हेतु निम्नलिखित अधिनियम व नियम प्रभावशील है:-

(1) छ.ग. कृषिक पशु परिरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2011

(2) छ.ग. कृषिक पशु परिरक्षण नियम, 2014

(3) पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960

(4) पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण नियम, 2017

राज्य में छ.ग. कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम, 2004 के प्रमुख प्रावधान निम्नानुसार हैः-

• अधिनियम की धारा 4 कृषिक पशुओं के वध का प्रतिषेध।

अधिनियम की धारा 5 कृषिक पशुओं के मांस रखने पर प्रतिषेध

अधिनियम की धारा 6 वध में गौवंश के परिवहन पर प्रतिषेध साथ ही कृषिक पशु के परिवहन में प्रयुक्त वाहन और परिवहन किये जा रहे पशुओं को जप्त करने का भी प्रावधान है।

• अधिनियम की धारा 4,5 एवं 6 के किसी उपबंधों का उल्लंघन करने या उल्लंघन करने का प्रयास या दुष्प्रेरण करने पर, सात साल तक का कारावास या रू 50,000/- के जुर्माने से या दोनों से दण्डनीय होगा। (धारा-10)

• अधिनियम की धारा 11 के अधीन अधिनियम के किन्ही प्रावधानो के मामले में सबूत या भार अभियुक्त पर होगा।

• अधिनियम की धारा 12 के अधीन समस्त अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय है।

• छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण नियम, 2024 के नियम 7 अनुसार धारा 4, 5 एवं 6 के किसी उल्लंघन की दशा में पुलिस किसी यान, कृषिक पशु या उसके मांस को अधिहत करने के लिए सशक्त होगी और जिला मजिस्ट्रेट ऐसे यानों, कृषिक पशु या उसके मांस को बीएनएसस की धारा 103 के उपबंधों के अनुसार निम्नलिखित रीति में अधिहत करेगा, अर्थातः-

(क) वह यान को कब्जे में लेगा। (ख) वह कृषिक पशु या उसके मांस को, छत्तीसगढ़ गौ-सेवा आयोग से पंजीकृत किसी संस्था अथवा व्यक्ति की अभिरक्षा में भेजेगा, तथा

(ग) कृषिक पशु के मांस का, पशुधन विभाग द्वारा ऐसी रीति में, जैसा कि वह उचित समझे, निराकरण करेगा।

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