पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के द्वारा जिले के समस्त थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी एवं पुलिस राजपत्रित अधिकारियों की ली गई अपराध समीक्षा बैठक : अपराध की रोकथाम करने हेतु कड़ी कार्यवाही के दिये गये निर्देश.

पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के द्वारा जिले के समस्त थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी एवं पुलिस राजपत्रित अधिकारियों की ली गई अपराध समीक्षा बैठक : अपराध की रोकथाम करने हेतु कड़ी कार्यवाही के दिये गये निर्देश.

October 25, 2024 Off By Samdarshi News

बिलासपुर, 25 अक्टूबर / पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर श्री रजनेश सिंह के द्वारा दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को जिले के समस्त थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी एवं पुलिस राजपत्रित अधिकारियों की अपराध समीक्षा बैठक बिलासागड़ी सभा गृह में ली गई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी एवं उप पुलिस अधीक्षक गण सहित जिले के थाना एवं चौकी प्रभारीगण सम्मिलित हुये।

बैठक के प्रारंभ में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि माननीय न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में अपराधियों को दंडित कराने हेतु दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में व्हिसरा परीक्षण, विवादित दस्तावेजों के परीक्षण व अन्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जावे, ताकि अपराधी कानून की गिरफ्त से छूट न सकें। थाना क्षेत्र में आपराधिक गतिविधयों पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने हेतु गुण्डे एवं निगरानी बदमाशों की लगातार चेकिंग, लगातार एवं सजगतापूर्वक रात्रि गश्त, थाना क्षेत्र में चल रही गतिविधियों की गोपनीय रूप से जानकारी हासिल कर पूर्व से ही अपराध की रोकथाम करने हेतु सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गये। पंजीबद्ध अपराधों की लगातार विवेचना एवं सार्थक समयबद्ध कार्यवाही कर शीघ्रता से अपराधियों को अभियोजित किया जाना चाहिये, ताकि अपराधियों में उनके द्वारा किये गये अपराध पर सख्त कार्यवाही होने का भय बना रहे एवं उनकी गतिविधियों पर अंकुश लग सके।

थानों के निरीक्षण में हुये अनुभवों के आधार पर पुलिस अधीक्षक द्वारा थाने में फरियाद लेकर आने वाले आहतों का तत्काल चिकित्सकीय परीक्षण कराने एवं इस आधार पर जांच कर प्रभावी कार्यवाही करने व थाने का अभिलेख दुरूस्त रखने के निर्देश भी दिये गये। पुराने हिस्ट्रीशीट में बदमाशों की पहचान हेतु अद्यतन फोटोग्राफ लगाने तथा थाने में उनके फोटोग्राफ दृश्य स्थल पर प्रदर्शित करना भी नियंत्रण हेतु एक प्रभावकारी कदम है। थानों में छोटे-छोटे बीट बनाकर आरक्षकों को बीट प्रभारी बनाने व इससे आरक्षकों को उस क्षेत्र विशेष के प्रभारी के अपने उत्तरदायित्वों के प्रति समर्पण का भाव उत्पन्न होगा तथा क्षेत्र की छोटी से छोटी जानकारी बीट प्रभारी आरक्षक के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी। आरक्षकों को नियमानुसार ए एवं बी नोट बुक जिसमें थाने के अपराधियों, गुण्डे बदमाशों, क्षेत्र के प्रबुद्धजनों आदि की जानकारी दर्ज हो सदैव साथ रखने एवं अधिकारियों द्वारा किसी भी समय पूछने पर प्रस्तुत करने इस बैठक के माध्यम से निर्देशित किया गया।

महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रकरणों को गंभीरतापूर्वक लेकर अपराधियों के विरूद्ध समयबद्ध प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये गये। इस तरह के प्रकरणों में प्रावधानानुसार पीड़ित क्षतिपूर्ति के प्रकरणों में पहल कर राहत दिलवाने हेतु कार्यवाही करने के उत्तरदायित्व का उतनी ही गंभीरता से निर्वहन कर सहयोग हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में नशे के नेटवर्क को नष्ट करने हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि क्षेत्र में आसूचना तंत्र सक्रिय कर नशे की सामग्री बेचने वालों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही एवं इसके स्त्रोत का पता लगाकर सख्त की जावे तथा क्षेत्र में अवैध शराब, जुआ सट्टा, कबाड़ जैसे अवैध कार्यों को पूर्णतः समाप्त करने कार्यवाही की जावे।

पुलिस अधीक्षक द्वारा थानों में विवेचनाधीन लंबित अपराध, मर्ग, शिकायत, एवं परिवाद जांच अनावश्यक लंबित न रखकर समयबद्ध कार्यवाही कर शीघ्रता से निराकरण करने निर्देशित किया गया। अच्छी कार्यवाही के लिए थाना प्रभारियों और विवेचकों को सराहा गया। गुंडे बदमाशों पर कठोर कार्यवाही करते हुए ज़िलाबदर और आवश्यकता पड़ने पर उनका NSA भी किया जाय।