महाकुंभ 2025: कुनकुरी में ‘एक थाली, एक थैला’ अभियान के तहत 1581 थालियों और थैलों का हुआ संग्रहण, प्लास्टिक-मुक्त आयोजन की दिशा में बड़ा कदम
January 4, 2025विधि विधान से पूजन कर महाकुंभ भेजनें की हो रही तैयारी
कुनकुरी / महाकुंभ 2025 को हरित कुंभ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ, प्लास्टिक-मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे एक थाली, एक थैला अभियान के तहत कुनकुरी नगर में संग्रहण का कार्य किया गया है। इस अभियान में शहर के नागरिक, सामाजिक संगठन, बढ़-चढ़कर भाग लिये। इस अभियान के अन्तर्गत कुनकुरी नगर से 1581 थाली व थैला का संग्रह किया गया है। जिसका शनिवार को नगर के जगन्नाथ मंदिर में विधि विधान से पूजा पाठ कर महाकुंभ भेजने की तैयारी की गई।
इस पुजन के कार्यक्रम को आचार्य मदन महाराज के द्वारा एवं पर्यावरण गतिविधि संयोजक शम्भुनाथ चक्रवर्ती, खण्ड संचालक इन्दर हेडा, संपत बंग समरसता प्रमुख, बिहारी नायक, श्याम आपट, श्यामसुन्दर बंग, विश्वनाथ सिंह, रामसेवक साय, खण्ड कार्यवाह अशोक चौहान, राकेश साहू, राजेश अग्रवाल, राहुल मिश्रा की उपस्थिति में संपन्न किया गया।
एक थाली, एक थैला अभियान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक थाली, एक थैला अभियान शुरू किया है, जिसके तहत श्रद्धालुओं को स्टील की थालियां और कपड़े से बने थैले वितरित किए जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य प्लास्टिक के उपयोग को कम करना और कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ रखना है। संस्था ने देशभर से थालियां और थैले एकत्रित किए हैं, जिन्हें मेला क्षेत्र में वितरित किया जायेगा।
प्लास्टिक-मुक्त कुंभ
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को प्लास्टिक-मुक्त बनाने के लिए सक्रिय है। इस दिशा में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के स्थान पर पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
हरित क्षेत्र का विस्तार
महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में 2.71 लाख पौधे लगाने का निर्देश दिया है, जिससे हरित क्षेत्र का विस्तार होगा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इन पहलों के माध्यम से महाकुंभ 2025 को एक स्वच्छ, हरित और पर्यावरण-अनुकूल आयोजन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।