दुर्गा महाविद्यालय में जेंडर सेंसिटाइजेशन कार्यशाला आयोजित : थर्ड जेंडर के मुद्दे पर गहन चर्चा…मनोविज्ञान परिषद का गठन…थर्ड जेंडर के अधिकारों और समाज में उनकी भूमिका पर जोर.
January 6, 2025मनोविज्ञान विभाग और एनसीसी एयर विंग, दुर्गा महाविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में “जेंडर सेंसिटाइजेशन” कार्यशाला एवं मनोविज्ञान परिषद का हुआ गठन.
कार्यक्रम ने समाज में जेंडर समानता और थर्ड जेंडर के प्रति जागरूकता बढ़ाने में दिया एक महत्वपूर्ण संदेश.
रायपुर : दुर्गा महाविद्यालय, रायपुर के मनोविज्ञान विभाग और एनसीसी एयर विंग के संयुक्त प्रयास से जेंडर सेंसिटाइजेशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसी अवसर पर मनोविज्ञान परिषद का गठन भी किया गया। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शकुंतला दुल्हानी ने परिषद के पदाधिकारियों को नामित किया। उपस्थित अतिथियों ने पदाधिकारियों को बैच और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
परिषद के पदाधिकारी इस प्रकार हैं – अध्यक्ष – शोएब अली, उपाध्यक्ष – साक्षी सिन्हा, सचिव – सना कुरैशी, सहसचिव – यशवर्धन सिंह क्षत्रिय.
कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं वक्ता –
कार्यक्रम में मितवा संकल्प समिति सरोना से श्रीमती विद्या राजपूत, सुश्री रवीना बरिहा और श्री देव थर्ड जेंडर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. अग्रवाल ने अपने संबोधन में इस विषय की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें थर्ड जेंडर के प्रति अपनी सोच को सकारात्मक बनाना होगा और उन्हें समाज में उनका सम्मानजनक स्थान प्रदान करना चाहिए।
स्क्वाड्रन लीडर और वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार चौबे ने कहा कि यह विषय मनोविज्ञान से जुड़ा है और हमारी सोच बदलने से समाज में बदलाव आ सकता है।
डॉ. दीपाली शर्मा ने ऐतिहासिक कहानियों के माध्यम से समझाया कि थर्ड जेंडर का समाज में सदियों से योगदान रहा है और आज हमें उनके अधिकारों और सम्मान की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
सुश्री रवीना बरिहा ने इतिहास और पौराणिक कथाओं के माध्यम से थर्ड जेंडर के योगदान को उजागर किया। उन्होंने बताया कि थर्ड जेंडर हमेशा से समाज का हिस्सा रहे हैं और हमें उन्हें स्वीकारना और सम्मान देना चाहिए।
श्रीमती विद्या राजपूत ने छात्रों से आत्ममंथन के लिए एक सवाल किया – “आप सोचें कि मैं कौन हूं।” उन्होंने थर्ड जेंडर से जुड़ी समस्याओं, सामाजिक बहिष्कार और परिवार द्वारा झेले जाने वाले संघर्षों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि थर्ड जेंडर समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें उनका अधिकार मिलना चाहिए।
श्री देव ने अपने जीवन की यात्रा और संघर्षों को छात्रों के साथ साझा किया। उनकी बातों ने छात्रों के मन में सहानुभूति और जागरूकता पैदा की।
छात्रों का उत्साह और सहभागिता –
दुर्गा महाविद्यालय के छात्रों ने वक्ताओं का दिल से स्वागत किया और उन्हें परिवार का हिस्सा मानते हुए इस पहल का समर्थन किया। कार्यक्रम का संचालन सना कुरैशी ने किया। इस अवसर पर मनोविज्ञान विभाग के पूर्व छात्र (एलुमनी) और बड़ी संख्या में वर्तमान छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।