दुर्गा महाविद्यालय रायपुर में “NEP 2020 के परिप्रेक्ष्य में परीक्षा की तैयारी कैसे करें” विषय पर कार्यशाला का आयोजन : परीक्षा की तैयारी के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ और आत्मविश्वासी होना आवश्यक है – डॉ. राकेश डेढ़गवे.

दुर्गा महाविद्यालय रायपुर में “NEP 2020 के परिप्रेक्ष्य में परीक्षा की तैयारी कैसे करें” विषय पर कार्यशाला का आयोजन : परीक्षा की तैयारी के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ और आत्मविश्वासी होना आवश्यक है – डॉ. राकेश डेढ़गवे.

January 9, 2025 Off By Samdarshi News

रायपुर : मनोविज्ञान विभाग, एनसीसी एयरविंग, एवं आईक्यूएसी दुर्गा महाविद्यालय, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में NEP 2020 के परिप्रेक्ष्य में परीक्षा की तैयारी कैसे करें” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. राकेश डेढ़गवे (शासकीय महाविद्यालय, तिल्दा) थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एस.के.अग्रवाल ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ और आत्मविश्वासी होना आवश्यक है। स्क्वाड्रन लीडर विजय कुमार चौबे ने विद्यार्थियों को गहराई से अध्ययन करने और मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

डॉ. अजय कुमार चंद्राकर (विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग) ने परीक्षा और समय प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि समय का सही उपयोग ही सफलता की कुंजी है। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई की योजना बनाते समय छोटे और सटीक लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। उन्होंने परीक्षा के दौरान संयम बनाए रखने और योजनाबद्ध तरीके से अध्ययन करने पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता डॉ. राकेश डेढ़गवे ने गहराई से विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि छात्रों को गेसिंग और मॉडल पेपर्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को गहराई से अध्ययन के महत्व को समझाया।

अस्तित्व मानिकपुरी और शुभ्रा सिंह ठाकुर ने छात्रों को “माइंड रिलैक्सिंग डांस” सत्र के माध्यम से तनावमुक्त रहने में मदद की, जिससे वे परीक्षा पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकें।

कार्यशाला में डॉ. विजय कुमार चौबे ने ओएमआर शीट भरने की बारीकियां समझाईं और छात्रों के बीच ओएमआर शीट की फोटो कॉपी भी वितरित की। कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. अमन झा ने मनोवैज्ञानिक गतिविधियाँ आयोजित कीं, जिनमें “बलून एक्टिविटी” और “लाफिंग एक्टिविटी” शामिल थीं। उन्होंने मंच संचालन भी बड़े सहज और प्रभावी ढंग से किया।

कार्यक्रम की सफलता में डॉ. अजय कुमार चंद्राकर, डॉ. गणेश शंकर पांडे, और डॉ. लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा का विशेष योगदान रहा। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शकुंतला दुल्हानी ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की थी।