प्रदेश में बच्चों व महिलाओं की मौत ने सरकार के सुपोषण अभियान को दिखाया आईना : कौशिक

प्रदेश में बच्चों व महिलाओं की मौत ने सरकार के सुपोषण अभियान को दिखाया आईना : कौशिक

February 14, 2022 Off By Samdarshi News

2018 से 2021 तक 25 हजार बच्चों की हो चुकी है मौत, 2021 में हर दिन 30 बच्चों की हुई मौत

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है हर तरफ अराजकता की स्थिति है और सरकार की योजना समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पा रहा है जिसके कारण हालत भयावह बनती जा रही है। केन्द्र सरकार के एक आंकड़े के मुताबिक 2018 से 2021 तक प्रदेश में करीब 25 हजार बच्चों की मौत हुई है। आंकड़ें के मुताबिक हर दिन करीब 23 और हर घंटे लगभग 1 बच्चे की मौत होना बेहद ही चिंताजनक है। साल 2021 में करीब 11 हजार बच्चों की मौत इस बात को बताता है कि हर दिन 30 बच्चों की मौत अपने-आप में दुख दाई आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और कुपोषण में मार्च 2021 जुलाई 2021 तक 4 प्रतिशत की वृध्दि हुई है तथा प्रदेश कुपोषण के मामले में 30वें स्थान पर है जो शर्मनाक है। 47 प्रतिशत के स्थान पर 61 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक है और प्रसव के दौरान करीब 9 सौ महिलाओं ने दम तोड़ा हैं।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि विधानसभा में इस बात को स्वीकारा गया है कि मार्च 2020 में कुपोषण की दर 18.22 प्रतिशत थी तो वहीं मार्च 2021 में 15.15 प्रतिशत हो गई थी। कुपोषण की दर जुलाई 2021 में 19.86 प्रतिशत हो गई अर्थात जुलाई 2021 की स्थिति से कुपोषण की दर में 4 प्रतिशत की वृध्दि हो गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा करीब 1500 करोड़ रुपए कुपोषण के खिलाफ जारी लड़ाई के लिए दिए गए तो वहीं लगभग 400 करोड़ रुपए सुपोषण अभियान के लिए डीएमएफ व सीएसआर मद से उपलब्ध कराई गई। लगभग 3000 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जारी लड़ाई में प्रदेश की सरकार नाकाम रही है और यह इस बात को साबित करता है कि कुपोषण के नाम पर कांग्रेस केवल कमीशनखोरी में व्यस्त है और प्रदेश सरकार की चिंता कहीं भी बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य से नहीं है। प्रदेश 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक है जो किसी भी राज्य के लिए एक बेहतर स्थिति नहीं है। प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ लड़ने वाली लड़ाई में प्रदेश सरकार की चिंता शून्य हैं। लगभग 7000 आंगनबांड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की पद खाली है जिनकी भर्ती कुपोषण के खिलाफ जारी अभियान के लिए जरूरी है लेकिन प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में यह सब नहीं है। जिसके कारण प्रदेश में परिस्थितियां भयावह होती जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार को तत्काल अपनी योजनाओं की समीक्षा कर कुपोषण के खिलाफ कारगर इमानदारी से लड़ाई लड़ी जानी चाहिए ताकि असमय बच्चों व महिलाओं की मौत न हो और हम स्वस्थ छत्तीसगढ़ के संकल्प भी पूरा हो।