नेता-अफसर मिलकर प्रदेश में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की सारी हदें पार करने पर अमादा : भाजपा

नेता-अफसर मिलकर प्रदेश में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की सारी हदें पार करने पर अमादा : भाजपा

March 7, 2022 Off By Samdarshi News

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा- हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने के काम में नेता-अफसर मिलकर 60 करोड़ रुपए की उगाही करके ही बंदरबांट की तैयारी में

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि उगाही और कमीशनखोरी के नित-नए केंद्र खोलकर प्रदेश सरकार अपने भ्रष्ट राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रही है। श्री कौशिक ने कहा कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने के काम में सरकार के इशारे पर करोड़ों रुपए वसूलने की तैयारी बताती है कि नेता-अफसर मिलकर प्रदेश में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की सारी हदें पार करने पर आमादा हैं।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने रिश्वत वसूली के नए मामले के खुलासे के मद्देनजर कहा प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है, वह प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा कम और कांग्रेस आलाकमान की एटीएम मशीन बनकर ज्यादा काम कर रही है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की जुमलेबाजी करने वाली प्रदेश सरकार की नाक के नीचे सत्तारूढ़ दल के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एक ऐसी दागदार कंपनी को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का काम दे दिया है जो इस काम के लिए वाहन मालिकों से ज्यादा कीमत वसूल करेगी और 100 रुपये प्रति प्लेट रिश्वत परिवहन विभाग के अफसरों और नेताओं को देने के लिए रजामंद हो गई है। श्री कौशिक ने कहा कि इस काम को कम राशि में करके देने को तैयार कंपनी को इसलिए अमान्य कर दिया गया क्योंकि रिश्वतखोरी के लिए वह तैयार नहीं थी।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि कम लागत पर काम करने वाली कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देकर भ्रष्टाचार के इस खेल को बेपर्दा कर दिया है। श्री कौशिक ने कहा की नेता अफसर मिलकर 60 करोड़ रुपए की उगाही करके ही बंदरबांट की तैयारी में है। इसके लिए बाकायदा योजनापूर्वक काम किया गया है। अवैध उगाही करके जनता को लूटने के लिए अजीबोगरीब नियम और शर्तें तय की गई ताकि चहेती कंपनी को यह काम सौंपा जा सके। श्री कौशिक ने कहा कि परिवहन विभाग के कामकाज की पूरी बागडोर एक आईपीएस अफसर को सौंपी गई है, जिसे विभागीय अफसर व कर्मचारी ही समझ से परे बता रहे हैं। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में यह काम दो कंपनियों के बजाय एक ही कंपनी को सौंपा जाना प्रदेश सरकार व प्रशासन तंत्र की बदनीयती का परिचायक है।