स्काउट्स गाइड्स एवं यूनिसेफ़ के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय तारुण्य वार्ता प्रशिक्षण शिविर का हुआ शुभारम्भ

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बदलते परिवेश में समाज में हो रही कुरीतियों एवं मानसिक बदलाव पर चर्चा अवश्यक : सरीन इक़बाल

किशोर-किशोरियों के सपनों की आकांक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सार्थक पहल : अनिल बघेल

बच्चों में व्यवहार परिवर्तन लाने हेतु जरूरी तकनीकों को समझना , ये सभी ये जरूरी बातें हैं : प्रदीप यादव

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ एवं यूनिसेफ़ के संयुक्त तत्वाधान में राज्य मुख्य आयुक्त भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ विनोद चंद्राकार के निर्देशानुसार,राज्य सचिव कैलाश कुमार सोनी के मार्गदर्शन में

जिला मुख्य आयुक्त सरगुजा हरिप्रसाद साय , जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन कमिश्नर जशपुर जे.के. प्रसाद, सरोज खलखो, जिला सचिव कल्पना टोप्पो जिला संघ जशपुर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के नेतृत्व में मनोरा विकास खण्ड में तीन दिवसीय तारुण्य वार्ता प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ हुआ ।तरुणवार्ता कार्यक्रम में शुभारम्भ अवसर पर जिला संघ जशपुर के संयुक्त सचिव भारत स्काउट्स एवं गाइड्स सरीन इक़बाल, डीओसी प्रदीप यादव, यूनिसेफ़ के जिला समन्वयक अनिल बघेल,प्रशिक्षक टुन्नू गोस्वामी,श्रीमती निर्मला भगत,अजीता पूनम एक्का एवं प्राचार्य ज्योति कन्या उमावि घाघरा उपस्थित हुए

कार्यक्रम में जिला संयुक्त सचिव सरीन इक़बाल ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल संरक्षण के मुद्दे , बच्चों के नजरिए से विभिन्न प्रकार की हिंसा को समझना , शारीरिक दंड एवं उसकी समाज में स्वीकृति , बाल यौन शोषण , एवं पुरुषत्व सामाजिक धारणा , हिंसा एवं लिंग भेद से संबंध को समझना है ।

किसी भी बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है । इस बदलते परिवेश में समाज में हो रही कुरीतियों ने मानसिक स्वास्थ्य को खासा रूप से प्रभावित किया है.इस वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर खुल कर चर्चा एवं जानकारी होना जरूरी है ।

डीओसी प्रदीप यादव ने कहा कि किशोर किशोरियों को अपने जीवन के महत्व को समझने के लिए जीवन कौशल के सन्दर्भ में चर्चा करना , किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तन की समझदारी बढ़ाने हेतु यौन एवं प्रजनन प्रक्रिया को समझाना , समुदायों एवं बच्चों में व्यवहार परिवर्तन लाने हेतु जरूरी तकनीकों को समझना , ये सभी ये जरूरी बातें हैं.

यूनिसेफ़ के जिला समन्वयक अनिल बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रान्त में सुदूरवर्ती आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विकास के सन्दर्भ में यूनिसेफ़ व स्काउट एवं गाइड के प्रयास से ” तारुण्य वार्ता ” नामक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है । तारुण्य वार्ता सभी हितधारकों के लिए एक ऐसा मंच है जिसके समर्थन से किशोरों विशेषकर लड़कियों तक पहुंचने और उनके सपनों की आकांक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक पहल है । इस तरह का मंच छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में किशोरों तक हमारी पहुंच बनाने और आगे बढ़ने में मदद करेगा । ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफार्मों का उपयोग करके हम स्वास्थ्य, जीवन कौशल जैसे 10 बिन्दु , और किशोरों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर व्यवहार परिवर्तन लाना सुनिश्चित करेंगे । छत्तीसगढ़ में बाल विवाह , बाल श्रम एवं मानव तस्करी को रोकने बावत सभी हितधारकों से इस सन्दर्भ में चर्चा एवं उनको परामर्शकर्ताओं से जोड़ने की यह एक कड़ी है ।

इसमें मुख्यतः सबसे बड़ा योगदान किशोर किशोरियों का होगा क्योंकि धीरे – धीरे वे परिवर्तन प्रतिनिधयों के रूप में आगे आएंगे और अपनी आवाज़ को खुल कर व्यक्त कर पाएंगे । किशोर – किशोरियों को उपरोक्त सभी श्रेणी में कार्य करने हेतु सक्षम बनाने की दृष्टि से यह प्रशिक्षण मॉड्यूल उपयोगी साबित होगी । भारत स्काउट एवं गाइड, यूनिसेफ़ के तकनीकी प्रशिक्षक दल एवं अन्य सहयोगी अभिकरण द्वारा किये जा रहे है।

स्काउटर टुनु गोस्वामी ने बताया कि  मनोरा के विकास खंड में बालक एवं बालिकाओं के किशोरावस्था से संबंधित तारुण्य वार्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है, इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य किशोरो एवं किशोरियो में सुरक्षा, स्वास्थ्य, एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करना है, प्रशिक्षण में 50 के समुहों में मनोरा ब्लॉक के ज्योति कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घाघरा में प्रशिक्षण शिविर का संचालन कराया जा रहा है,

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