छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त ने पशु क्रूरता निवारण समिति की प्रथम बैठक जशपुर में ली

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गौ-तस्करी करने वालों पर कड़ी निगरानी रखने एवं उन पर कार्यवाही करने के दिए निर्देश

ग्राम पंचायतों में विभिन्न माध्यमों से पशु संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता लाएं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त, डॉ. राम सुन्दर दास ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में पशु क्रुरता निवारण समिति की प्रथम बैठक ली। बैठक में पशु संरक्षण, गौ तस्करी, पशु प्रताड़ना पर कार्यवाही के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक जशपुर श्री विनय भगत, कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल, गौसेवा आयोग के सदस्य श्री शेखर त्रिपाठी, श्री हीरू राम निकुंज, सुरज चौरसिया, मनोज सागर यादव, अनिल किस्पोट्टा, उपसचंालक पशुधन विभाग डॉ. जी.एस. तंवर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री जे.के. प्रसाद, कृषि अधिकारी सहित अन्य सदस्य एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

अध्यक्ष राजेश्री महन्त ने बैठक में जिले में पंजीकृत, अपंजीकृत गौशालाओं की जानकारी ली।  पशुओं के प्रति क्रुरता निवारण अधिनियम, छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिक्षण अधिनियम साथ ही समितियों द्वारा विद्यालयों तथा अन्य संस्थानों की पाठ्यपुस्तकों में पशुओं के प्रति बच्चों एवं युवाओं से मानवता एवं प्रेम भावना उत्पन्न करने के निर्देश दिए गए। बगीचा विकासखंड में दुग्ध समिति का गठन करने की बात कही। व्यापक प्रचार-प्रसार करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि समिति की नियमित प्रत्येक चार माह में एक बार बैठक आवश्यक करें। पशुधन विकास विभाग को पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित कर गंभीरता से गो तस्करी एवं गौ-मास के तस्करी पर रोक लगाने एवं उन पर कड़ी दण्डनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशु तस्करी करने के लिए उपयोग लाने वाले सभी वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही करें। उन्होंने अवैध मांस बिक्री केन्द्रों को शासन की मदद से रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए। मांस की दुकानों को स्वास्थ्य की दृष्टि से व्यवस्थित करने के साथ ही मापदंडों का पालन करने की बात कही।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने बताया कि ग्राम पंचायतों में मुनादी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पशु कृषकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिले के सभी विकासखंडों में पशु मेला का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी पशु क्रुरता को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे की पशुओं का संरक्षण हो सके। बैठक में उपसचंालक, डॉ. जी.एस. तंवर, पशुधन विभाग ने बताया कि जिले में वर्ष 2021-22 में पशु क्रुरता के तह्त 30 प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। जिस पर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में पशु संगणना 2020 के अनुसार 9 लाख 73 हजार 415 पशुधन एवं 11 लाख 68 हजार 494 पक्षीधन है। छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने पर 7 वर्ष का कारावास व 50 हजार के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

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