आचार निर्माण कर गंगा स्व-सहायता समूह की महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर, आचार विक्रय से समूह को 50 हजार का हुआ शुद्ध मुनाफा

May 4, 2022 Off By Samdarshi News

आम, कटहल, अदरक, लहसुन, मिर्च व मेथी सहित अन्य किष्म के आचार का कर रही हैं निर्माण

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं का कौशल विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जिससे महिलाएं स्वावलंबी बनकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सके। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत जिले के गोठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। साथ ही प्रषिक्षण के माध्यम से अनेक प्रकार के कौषल का भी उनमें विकास किए जा रहे है।

इसी कड़ी में दुलदुला के ग्राम पंचायत आसनबहार की गंगा स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आजीविका गतिविधियों के तहत् जिला प्रषासन के सहयोग से आचार निर्माण किया जा रहा है। समूह की सचिव श्रीमती मंजु खलखो ने बताया कि उनके समूह का गठन वर्ष 2019 में हुआ। जिसके पश्चात् महिलाओं ने गौठान समूह से जुड़कर अपना कार्य प्रारंभ किया। गौठान के माध्यम से जिला प्रशासन की सहायता से उन्हें वर्ष 2021 आचार निर्माण हेतु आवष्यक मषीनें उपलब्ध करा कर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मंजु ने बताया कि पहले महिलाएं अपने घरेलू कार्यो का ही निर्वहन करती थी। जिससे उन्हें किसी प्रकार की आमदनी नहीं होती थी। परंतु महिलाओं में आगे बढ़ने की चाहत शूरूआत से थी। समूह से जुड़ने के बाद वे अपने घरेलू कार्य पूरा करने के बाद समूह के कार्यो को पूरा करने लगी। एवं छोटे-छोटे कार्य पूर्ण कर आय अर्जित करने लगी। जिला प्रशासन की मदद से अब समूह के द्वारा विभिन्न प्रकार के आचार निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें आम, कटहल, अदरक, लहसुन, मिर्च व मेथी सहित अन्य किष्म के आचार शामिल है। उन्होंने बताया कि आचार की मांग जषपुर जिले केसाथ अन्य जिलों में भी अधिक है। उनके द्वारा स्थानीय हाट-बाजार, दुकानों में विक्रय के साथ ही आश्रम छात्रावास आंगनबाड़ी में भी विक्रय किया जा रहा है। इसके अलावा समूह द्वारा ऑर्डर पर भी आचार बनाया जा रहा है। वर्तमान में जिला में स्थापित सी-मार्ट में भी समूह द्वारा बनाए गए आचार को विक्रय कर रही है। 

मंजू ने कहा कि उनके द्वारा अब तक 150 किलो आचार का निर्माण किया जा चुका है। जिसके विक्रय से उन्हें अब तक 1 लाख 50 हजार प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक आचार विक्रय से उन्हें लगभग 50 हजार का शुद्ध मुनाफा हुआ है। महिलाओं ने कहा कि बाजार में आचार की अच्छी मांग है जिससे उन्हें भविष्य में और भी लाभ होने की संभावना है। 

महिलाओं ने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए मार्गदर्शन एवं विभागों के माध्यम से दिया गया सहयोग उनके लिए सार्थक साबित हो रहा है। जिससे वे परिवार की आर्थिक मदद भी कर पा रही है। महिलाओं ने गोठान योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में गोठान बन जाने से कई प्रकार की सुविधाएं ग्रामीणों को मिल रही है। सभी महिलाओं ने छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए महिलाओं को स्वावालंबी बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा