वृद्धों के स्वास्थ्य संरक्षण, संवर्द्धन एवं चिकित्सा के दृष्टिकोण से शासकीय आयुष पॉली क्लिनिक राजनांदगांव में प्रभारी आयुष पॉलीक्लीनिक में सियान जतन क्लिनिक के अंतर्गत बुजुर्गों के लिए विशेष ओपीडी का हुआ संचालन
May 7, 2022गर्मी में लू से बचने के उपाय, आंवला व द्राक्षा के गुणों के विषय व आयुर्वेद की ‘रसायन चिकित्सा’ के विषय में बताया गया
हल्का, सुपाच्य एवं संतुलित आहार लेना चाहिये और शक्ति के अनुसार करें व्यायाम
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव
वृद्धों के स्वास्थ्य संरक्षण , संवर्धन एवं चिकित्सा के दृष्टिकोण से संचालनालय आयुष रायपुर एवं जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. रमाकान्त शर्मा राजनांदगांव के निर्देशानुसार चिखली राजनांदगांव स्थित शासकीय आयुष पॉली क्लिनिक राजनांदगांव में प्रभारी आयुष पॉलीक्लीनिक डॉ. प्रज्ञा सक्सेना द्वारा सियान जतन क्लिनिक के अंतर्गत बुजुर्गों के लिए विशेष ओपीडी का संचालन किया गया। इसके अंतर्गत बुजुर्गों की प्रकृति परीक्षण के उपरांत चिकित्सकीय परामर्श, औषधि व आवश्यकतानुसार पंचकर्म चिकित्सा प्रदान की गयी। वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी एवं पाम्फ्लेट्स दिये गये। उन्हें गर्मी में लू से बचने के उपाय, आंवला व द्राक्षा के गुणों के विषय व आयुर्वेद की ‘रसायन चिकित्सा ‘ के विषय में बताया गया। स्मृति के स्तर पर, मनोवैज्ञानिक स्तर पर, तंत्रिका तंत्र, उदर, गठियावात, दृष्टि सम्बंधी, प्रोस्टेट सम्बन्धी एवं अन्य मूत्र विकार आदि से जुड़ी बहुत सी परेशानियां स्वाभाविक रूप से इस अवस्था में जन्म लेती हैं। जानकारी के अभाव में बुजुर्ग बहुत अधिक परेशान हो जाते हैं।
इस अवस्था में बुजुर्गों से संवाद का अभाव भी उनमें मानसिक रोगों का एक बहुत बड़ा कारण है। चालीस साल के उपरांत व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिये। आयुर्वेद में उल्लेखित अनेक रसायन औषधियों का उपयोग, सही आहार-विहार और मानसिक शांति से वृद्धावस्था के कारण होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। हल्का, सुपाच्य एवं संतुलित आहार लेना चाहिये। मन को खुश रखने के लिये अपनी अभिरूचि के अनुसार मनोरंजन व सामाजिक गतिविधियों में भाग लें। नियमित अपनी शक्ति के अनुसार व्यायाम करें। शारीरिक कर्महीनता से बचें। नियमित चिकित्सकीय परीक्षण करवाये। दिनांक 4 मई को आनंद शुक्ला द्वारा संस्था में वृद्ध रोगियों की नेत्र जांच की गई थी।