विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर कलेक्टोरेट में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर का आयोजन, कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने उच्च रक्तचाप जांच करवाई

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उच्च रक्तचाप के उपचार एवं इसके रोकथाम के प्रति जागरूकता लाने के लिए शिविर का आयोजन

जीवनशैली एवं खानपान में अपेक्षित बदलाव कर इस रोग को किया जा सकता है पूरी तरह नियंत्रित

कलेक्टोरेट के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह जांच कराया

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, राजनांदगांव

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर कलेक्टोरेट परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाया गया। शिविर में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा एवं जिला पंचायत सीईओ श्री लोकेश चंद्राकर ने उच्च रक्तचाप चेक कराया। स्वास्थ्य शिविर में कलेक्टोरेट के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी उच्च रक्तचाप और मधुमेह जांच कराया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी उपस्थित थे। उच्च रक्तचाप के उपचार एवं इसके रोकथाम के प्रति जागरूकता लाने के लिए शिविर का आयोजन किया गया। यह रोग जीवनशैली और खानपान की आदतों से जुड़ा होने के कारण केवल दवाओं से इस रोग को समूल नष्ट करना संभव नहीं है। जीवनशैली एवं खानपान में अपेक्षित बदलाव कर इस रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। शिविर में मधुमेह की रोकथाम के संबंध में भी बताया गया। प्राथमिक रोकथाम के लिए शरीर के वजन को सामान्य बनाये रखें, स्वस्थ आहार का सेवन, नियमित व्यायाम जैसे चलना, दौडऩा, तम्बाकू और शराब का सेवन न करें। विशिष्ट रोकथाम के लिए रक्तचाप को स्थिर बनाये रखें, रक्त शर्करा का स्तर बनाये रखें, आदर्श वजन बनाये रखें, आंख व पैरों की जांच नियमित रूप से कराएं। शिविर में डॉ. सूरज नंदलाल कुकरेजा, सहायक श्री रवि कुमार मेश्राम, श्री नेतराम, एएनएम श्रीमती रिंकी, श्रीमती अनुसुईया की टीम ने स्वास्थ्य जांच की।

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप –

हाइपरटेंशन या उच्च रक्त चाप एक पुराना रोग है इसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव बढऩे के कारण धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य से अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है। रक्त चाप में दो माप शामिल होते हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक नाम के दो माप इस बात पर निर्भर करते हैं कि मांसपेशियों में संकुचन सिस्टोल हो रहा है या धड़कनों के बीच तनाव मुक्त डायस्टोल हो रही है। आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100 से 120 एमएम एचजी सिस्टोलिक उच्च रीडिंग और 60 से 90 एमएम एचजी डायस्टोलिक निचली रीडिंग की सीमा के भीतर होता है यदि यह लगातार 90 से 140 एमएम एचजी पर या इसके ऊपर बने रहें तो उच्च रक्तचाप होता है। हाई ब्लड प्रेशर स्त्रियों की अपेक्षा पुरूषों में ज्यादा पाया जाता है। हाई ब्लड प्रेशर वह अवस्था है जिसमें हृदय को धमनियों में रक्त भेजने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है इसका कारण यह है कि समय के साथ हमारी धमनिया कठोर या कड़ी हो जाती है जिसके फलस्वरूप हृदय कमजोर हो जाता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण –

उच्च रक्त होने पर तेज सिर दर्द, थकावट, टांगों में दर्द, उल्टी होने की शिकायत और चिड़चिड़ापन होता है।

उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण –

हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है। हॉर्ट किडनी व शरीर के अन्य अंगों पर असर, खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढऩे से समस्या होती है। तनाव, मोटापा, महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन, ज्यादा नमक उपयोग करने से यह बीमारी होती है।

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