मोबाईल वेन के माध्यम से जशपुर जिले में अब तक 111 मरीजों को घर पहुंच दी गई फिजियोथेरेपी सुविधा

May 18, 2022 Off By Samdarshi News

सुखदेव राम फिजियोथेरेपी पश्चात् स्वंय स्टिक के सहारे चलने लगे

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग, द्वारा प्रथम चरण में जिले के मनोरा विकासखंड के सुदुर व दुर्गम ग्रामीण अंचल में दीर्घायु चलित वाहन (फिजियोथेरेपी मोबाईल वेन) द्वारा सप्ताह में दो दिवस चिन्हांकित एवं ग्राम में उपस्थित अन्य मरीजों को फिजियोथेरेपी सुविधा प्रदान की जा रही है। जिसके तहत् 18 अप्रैल से अब तक फिजियोथेरेपी मोबाईल वेन द्वारा कुल 111 मरीजों को जो स्वास्थ्य केंद्रो तक आ पाने में असर्मथ है फिजियोथेरेपी घर पहुँच सुविधा प्रदान की जा रही है। इनमे से ग्राम सुरजुला, शैला, चिरोटोली एवं अजधा के पाँच मरीज ऐसे है जो विगत् दो से तीन वर्षों से लकवा (पक्षाघात) के कारण चलने फिरने व अपने दैनिक कार्य करने में पुरी तरह असमर्थ थें। किंतु फिजियोथेरेपी दल द्वारा उपचार उपरांत आज अपने कार्य को करने के साथ-साथ चलने-फिरने में भी सक्षम हो चुके है। इन पाँच मरीजो में से एक मरीज श्री सुखदेव राम उम्र 63 वर्ष द्वारा बताया गया की वे विगत् तीन वर्षों से दायें भाग में लकवा के कारण पुर्ण रूप से खड़े हो पाने में अक्षम थे व व्हीलचेयर के साहरे ही चलते रहे थे। फिजियोथेरेपी पश्चात् स्वंय स्टिक के सहारे चलने लगे है। फिजियोथेरेपी वाहन में फिजियोथेरेपीस्टि श्री अनुग्रह किस्पोट्टा एवं श्रीमती मीना तिग्गा तथा श्रीमती रिकी भगत, श्री संजय राम के द्वारा फिजियोथेरेपी घर पहुँच सुविधा प्रदान की जा रही है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रंजीत टोप्पो ने दीर्घायु चलित वाहन योजना के संबंध में बताया की जशपुर जिले के दूरस्थ ग्रामों में आज भी बहुत से ऐसे मरीज है जिन्हे फिजियोथेरेपी की आवश्यकता है किंतु वे किन्ही कारणवश ईजाल हेतु स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुच पा रहें जिसके कारण उनकी समस्या समय के साथ और भी गंभीर हो रही है। ऐसे में फिजियोथेरेपी घर पहुच सेवा से उन्हें अत्याधिक लाभ हो रहा है एवं जन सामान्य फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूक भी हो रहे है। डॉ आर. एन. केरकेट्टा, जिला नोडल अधिकारी, एन.सी.डी. के द्वारा उक्त संबंध में बताया गया फिजियोथेरपी में कई प्रकार की सुविधा मरीजों के बीमारी को ध्यान में रखकर प्रदाय की जाती है। जैसे- पक्षाघात के मरीजों को मसल्स स्टुमलेटर, स्ट्रेथिनिंग एक्सरसाईज, स्फिट टु स्टैंड, वाकिंग, पेलविस ब्रिजिंग, आथराईटिस के मरीजों को हाइड्रोथेरेपी, अल्ट्रासाउंड, नी-बाईंडिंग (सुपाईन पोजिशन व सिटिंग पोजिशन), एस.एल.आर. एवं वेटबेरिंग एक्सरसाईज, बेक पेन, सरवाईकल पेन के मरीजों को आई. एफ.टी. थेरेपी, टेन्स आईसामेट्रीक एक्सरसाईज, बैक स्ट्रैथिनिंग एक्सरसाईज आदि थेरेपी दी जाती है। नोडल अधिकारी ने बताया की फिजियोथेरेपी से बहुत हद तक मशीनो अथवा निर्धारित एक्सरसाईज के माध्यम से कार्यशील बनाया जा सकता है।