सरस्वती शिशु मंदिर कुनकुरी में पूर्व विद्यार्थियों का आयोजित हुआ समागम समारोह : पूर्व विद्यार्थियों ने बांटे अपने अपने अनुभव

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पूर्व छात्रों का समागम एक अभिवन पहल है, विद्यालय के लिये यह कार्यक्रम ऐतिहासिक सिद्ध होगा – विष्णुदेव साय

सागर जोशी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी

सरस्वती शिशु मंदिर कुनकुरी के पूर्व विद्यार्थियों के समागम समारोह का आयोजन नगर के मंगल भवन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के आगमन के साथ मां सरस्वती, ओम एवं भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर मां सरस्वती की वंदना की गई। जिसके उपरांत अतिथियों का मंच पर आसन ग्रहण कर उनका परिचय कराने के साथ तिलक एवं बैच लगाकर अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विष्णुदेव साय भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि के रूप में देवनारायण साहू प्रदेश संगठन मंत्री विद्या भारती, प्रेमलाल पटेल विभाग समन्वयक सरस्वती शिशु मंदिर, परिचय मिश्रा प्रदेश संयोजक पूर्व छात्र संगठन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विश्वम्भर दयाल अग्रवाल अध्यक्ष बाल शिक्षण समिति, रामअवतार बजाज उपाध्यक्ष बाल शिक्षण समिति, मनोज अग्रवाल व्यवस्थापक, विश्वनाथ राम सह व्यवस्थापक, पालीराम अग्रवाल पूर्व व्यवस्थापक अतिथि के रूप में सम्मिलित रहे।

समागम समारोह का शुभारंभ करते हुए सर्वप्रथम अतिथियों को पुष्पहार एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया जिसके उपरांत कार्यक्रम में आये सभी पूर्व विद्यार्थियों द्वारा अपना परिचय उपस्थित अतिथियों व अन्य पूर्व विद्यार्थियों को दिया गया। समागम समारोह में आये समस्त विद्यार्थियों को वर्तमान विद्यार्थियों द्वारा तिलक व बैच लगाकर सम्मानित किया गया। जिसके उपरांत अतिथियों एवं विशेष सफलता प्राप्त विद्यार्थियों द्वारा उद्बोधन दिया गया।

कार्यक्रम को मुख्य अतिथि विष्णुदेव साय ने संबोधित करते हुए कहा कि कुनकुरी सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के लिये यह कार्यक्रम ऐतिहासिक सिद्ध होगा। पूर्व छात्रों का समागम एक अभिवन पहल है। आयोजन की सोच काफी प्रशंसनीय है। मुझे इस कार्यक्रम में बुलाना मेरे लिये गौरव की बात है। मेरे अनुभवन में इस प्रकार का यह पहला आयोजन है। इस प्रकार के आयोजन का क्रम लगातार बना कर रखें। इस प्रकार के आयोजन से संस्था की उपलब्धियों के बारे में लोगो को जानने का अवसर प्राप्त होता है। सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षण संस्थान राष्ट्रहित से ओत प्रोत नागरिक देश को समर्पित कर रहा है। पूर्व विद्यार्थियों की एक बड़ी टीम तैयार हो रही है। विद्यालय प्रबंधन को इससे बड़ी हिम्मत मिलेगी।

अमित अग्रवाल:

पूर्व विद्यार्थी समागम समारोह के संयोजक अमित अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समारोह के बारे मे विस्तार से जानकारी दी। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के नगर के गणमान्य नागरिक स्वर्गीय रिखबचंद जैन के प्रयासों से अवगत कराया। समागम समारोह के आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2019 से इस कार्यक्रम के आयोजन की रूप रेखा तय की गई थी किन्तु कोरोना काल के कारण आयोजन की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी। संस्कार शिक्षा के लिये विद्यालय को मंदिर का नाम दिया गया है। विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि संस्कार के बिना जीवन संभव नही।

डॉक्टर विजया साहू:

प्रथम बैच की छात्रा रही डॉक्टर विजया साहू ने संबोधित करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मै इस विद्यालय के प्रथम बैच की छात्रा रही हूं। विद्यालय के प्रारंभ की नींव होने पर स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रही हूं।

किशोर सिंह:

प्रथम बैच के ही छात्र रहे किशोर सिंह ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आज अनुभव बांटने का दिन है। आज पुनः पुराने दिन याद आ रहे है। मिली शिक्षा के बाद जीवन में किये गये कार्यो का अच्छा अनुभव रहा है। विद्यालय के उत्थान के लिये सभी पूर्व छात्रो से अपील भी की।

राजीव लिलहरे:

सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से अच्छा संस्कार अन्य किसी विद्यालय में नहीं दिया जाता है। विद्यालय का छात्र होना गर्व का विषय है। धर्म तथा देश के बारे में मिली शिक्षा गौरान्वित करती है। वर्तमान में शिक्षा केवल किताबी शिक्षा तक ही सीमित हो गई है। शिक्षा के बाद जीवन में अब तक मिले अनुभव को सभी के बीच साझा भी किया।

विनीत जिंदल:

सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र व कुनकुरी नगर के प्रथम सीए रहे विनीत जिंदल ने भी विद्यालय के कल्याण आश्रम भवन में लगने से लेकर नये भवन तक के सफर को सभी के बीच साझा किया और उनके सहपाठियों द्वारा विद्यालय में पढ़ने के बाद इसी विद्यालय के शिक्षण समिति में पदाधिकारी बनने पर गर्व होना बताया।

दिवाकर पाठक:

इस विद्यालय में मिली शिक्षा के बाद जीवन में गुणवत्ता आती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा केवल हमे सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से ही मिलती है। जीवन में मिले अनुभव को सभी के बीच साझा भी किया कि इस विद्यालय की शिक्षा के सहारे उन्हे शासकीय नौकरी प्राप्त करने में कितनी सहायता मिली।

डॉक्टर नितीश नायक:

इन्होने भी विद्यालय के वातावरण एवं अनुभव की प्रशंसा करते हुए बताया कि किसी और स्थान या विद्यालय में यह अनुभव अन्य विद्यार्थियों का नही मिलता। समर्पण की भावना जगाने का कार्य केवल इसी विद्यालय में होता है। इसी भावना के कारण अपने कार्यक्षेत्र में सेवा देने की मंशा बन पाई है।

विकाश जिंदल:

सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र विकास जिंदल ने भी विद्यालय के लोकप्रिय होने की बात करते हुए सभी पूर्व छात्रों के समक्ष एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया। उनका कहना था कि हमने संस्कार शिक्षा के लिये विद्यालय को चुना पर अंग्रेजी माध्यम की दौड़ में हमने अपने बच्चों का प्रवेश क्या इस विद्यालय में कराया है ? उन्होने विद्यालय प्रबंधन एवं पूर्व विद्यार्थियों दोनो से अपील की कि इस घरोहर को बचा कर आगे तक ले जाये। पूर्व छात्रों में दीपक अंधारे, दीपक हेड़ा, विष्णु सोनी आदि लोगों ने भी अनुभव साझा किया।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश संयोजक पूर्व छात्र संगठन परिचय मिश्रा ने भी संबोधित करते हुए प्रदेश स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व छात्रों के बन रहे संगठन के बारे में बताया और संगठन से जुड़ने की अपील भी की। उन्होने सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा ‘‘देश हमे देता है सब कुछ हम भी कुछ देना सीखे‘‘ को याद दिलाते हुए अब विद्यालय को अपना योगदान लौटाने के समय को याद दिलाया।

विद्या भारती प्रदेश संगठन मंत्री देव नारायण साहू द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय की कार्ययोजना एवं उद्देश्य की जानकारी दी। कार्यक्रम एवं संस्था के अध्यक्ष विश्वम्भर अग्रवाल द्वारा भी पूर्व छात्रों को अपना संदेश दिया। सह व्यवस्थापक विश्वनाथ सिंह द्वारा कुनकुरी नगर के विद्यालय के प्रारंभ से आज तक के कार्यकाल का संक्षिप्त परिचय का वाचन किया। कार्यक्रम के अंत में अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले पूर्व छात्रों को सम्मानित करते हुए प्रतीक चिन्ह भेंट किये गये।

कार्यक्रम में आये मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। विद्यालय में पूर्व में रहे शिक्षकों को भी शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया। समागम समारोह के अंत में किशोर सिंह द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अमन शर्मा तथा आचार्य दुर्गा दास वैष्णव द्वारा किया गया। समागम कार्यक्रम का प्रसारण मनीष हेडा के सहयोग से ऑनलाईन माध्यम से भी किया गया जिससे कार्यक्रम में न पहूंच पाने वाले विद्यार्थी भी कार्यक्रम से जुड़ सके।

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