वनांचल विकास खण्ड नगरी में मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय चरण का सफलतापूर्वक हुआ समापन…..!
June 4, 2022नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होते ही मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा एवं छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए नियमित रूप से शाला संचालित करने के दिए गए निर्देश
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, धमतरी/नगरी
वनांचल स्थित आदिवासी विकासखंड नगरी अंतर्गत संचालित प्राथमिक विद्यालय व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों का मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा व व्यक्तिगत सुरक्षा पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के द्वितीय चरण का 4 जून 2022 को विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सतीश प्रकाश सिंह की उपस्थिति में सफलतापूर्वक समापन हुआ। मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ 2 जून को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नगरी चंद्रकांत कौशिक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नगरी एल.एन.पटेल एवं बीईओ सतीश प्रकाश सिंह की उपस्थिति में हुआ था। प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नगरी चंद्रकांत कौशिक ने शाला सुरक्षा एवं छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत सुरक्षा के टिप्स दिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं विशेषत: बालिका सुरक्षा के लिये बनाये गए क़ानून की जानकारी दी। इस अवसर पर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सतीश प्रकाश सिंह ने नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होते ही मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा एवं छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए नियमित रूप से शाला संचालित करने के निर्देश दिए।
बीईओ श्री सिंह ने संकुल शैक्षिक समन्वयकों एवं शिक्षकों को प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य, वनांचल क्षेत्र में होने वाले प्राकृतिक आपदा और विपदा के बारे में शिक्षक, बच्चों व पालकों को पूर्ण रूप से पूर्व जानकारी प्रदान करने तथा जागरूकता लाने के लिये आवश्यक पहल करने को कहा, जिससे किसी दुर्घटना से पहले सुरक्षा उपाय संभव हो सके। बीईओ सतीश प्रकाश सिंह ने आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारी व कार्य योजना तैयारी कर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन आदि के लिए पहले से तैयार रहने के लिए मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा योजना के अंतर्गत बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में सुरक्षित मानक तैयार करने हेतु निर्देशित किये| मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा की पूरी जानकारी और विपदा की परिस्थिति को पूर्व से ही चिन्हांकित कर उस पर पूर्व तैयारी से, विभिन्न बचाव के तरीकों से विद्यालयीन बच्चों को जागरूक कर भयमुक्त वातावरण में अपने विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए शैक्षणिक वातावरण बनाया जा सके। किसी प्रकार की आपदा के लिए तत्पर रहकर निरंतर शिक्षण कार्य संचालित रहे। किसी प्रकार की आपदाओं के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित ना हो सके। प्रशिक्षण के प्रमुख उद्देश्यों में इसकी पूर्व तैयारी किया जाना सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण के प्रथम दिवस में शाला आपदा प्रबंधन की योजना बनाना, प्राथमिक फर्स्टएड कैसे किया जाता है, आपदा के समय स्कूल स्तर पर सर्च और तात्कालिक बचाव कैसे करना है कि जानकारी दी गई। स्कूल स्तर पर माकड्रिल कैसे करते है, इसको भी सिखाया गया। आपदा के साथ-साथ मौसम परिवर्तन, बाल संरक्षण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य, कुपोषण के विषयों में भी जानकारी दी गई। तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला में व्यक्तिगत सुरक्षा, शाला सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन के विषय में शिक्षकों एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस जानकारी से शिक्षक-शिक्षिकायें, प्रधान पाठक, संकुल शैक्षिक समन्वयक, प्राचार्यगण अपने शाला में एवं आसपास के परिवेश में संभावित आपदाएं जैसे- बाढ़, सुखा, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरना, सांप-बिच्छू के डंक से बचाव तथा भूकंप आदि से सुरक्षा हेतु संभावित ख़तरे की पहचान कर विद्यार्थियों को सुरक्षित रख सकते है| कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार साहू व्याख्याता एल बी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश्वरी ध्रुव, बी.आर.सी. बी.एम्.साहू, संकुल शैक्षिक समन्वयक तथा रिसोर्स पर्सन्स शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे |