मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी ग्राम में रागी प्रसंस्करण केंद्र और बकरी पालन इकाई का किया अवलोकन, समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनके कार्यों की जानकारी ली

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महिलाओं द्वारा तैयार कोदो चावल, रागी आटा और मछली चारा की गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने कांकेर प्रवास के चौथे और अंतिम दिन जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर कुलगांव में बनाए गए गांधी ग्राम के लोकार्पण के बाद वहां रागी प्रसंस्करण केंद्र और प्रशिक्षण केंद्र-सह-बकरी पालन इकाई का अवलोकन किया। उन्होंने वहां स्वसहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा कर उनके कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिला समूहों द्वारा तैयार रागी आटा और कोदो चावल की गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर आंगनबाड़ियों में आपूर्ति के लिए रवाना किया। उन्होंने मछली आहार की गाड़ी को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

गांधी ग्राम में कुलगांव की पूजा स्वसहायता समूह द्वारा रागी (मड़िया) प्रसंस्करण केंद्र का संचालन किया जा रहा है। समूह की महिलाएं अब तक 40 क्विंटल रागी आटा बेचकर 20 हजार रुपए का मुनाफा कमा चुकी हैं। स्थानीय आंगनबाड़ियों में समूह द्वारा तैयार रागी आटा की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पोषण से भरपूर रागी आटा का हलवा बनाकर बच्चों को खिलाया जा रहा है।

गांधी ग्राम में कुलगांव की ही मां भवानी स्वसहायता समूह द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र-सह-बकरी पालन इकाई का संचालन किया जा रहा है। समूह की महिलाओं के पास अभी जमुनापारी नस्ल की 27 बकरे- बकरियां हैं। पशुधन विकास विभाग द्वारा शुरुआत में महिलाओं को 20 बकरियां और दो बकरे उपलब्ध कराए गए थे। कुछ महीनों बाद समूह द्वारा इनकी बिक्री शुरू की जाएगी। इस बकरी पालन इकाई से महिलाओं को सालाना साढ़े तीन लाख रुपए की आमदनी का अनुमान है।

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