रामगढ़ महोत्सव : रामगढ़ की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक गौरव को सहेजने सरकार ने की पहल- डॉ प्रीतम राम

June 14, 2022 Off By Samdarshi News

मानस गायन, शोध संगोष्ठी व कवि सम्मेलन से रामगढ़ हुआ गुंजायमान

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, अम्बिकापुर

आषाढस्य प्रथम दिवसे के अवसर पर दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव का शुभारंभ मंगलवार को छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के अध्यक्ष व लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम के मुख्य आतिथ्य में हुआ। सर्व प्रथम अतिथियों के द्वारा वीणापाणी माता सरस्वती व भगवान श्री राम के प्रतिकृति पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया गया। महोत्सव में कार्यक्रम का  आगाज मानस मण्डलियों के द्वारा मानस गायन से हुआ। इसके पश्चात डॉ निलिम्प त्रिपाठी की अध्यक्षता में शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव के रूप में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। महोत्सव में मानस गायन, शोध पाठ और कविता पाठ से पूरा रामगढ़ अनुगुंजित हुआ।

मुख्य अतिथि डॉ प्रीतम राम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रामगढ़ ऐतिहासिक, पुरातत्विक व धार्मिक महत्व का स्थल है। रामगढ़ की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक गौरव को सहेजने तथा पर्यटन के रूप में विकसित करने की दिशा में हमारी सरकार ने राम वन गमन पथ के माध्यम से पहल शुरू की है। भगवान श्री राम वनवास काल मे जहां-जहां से छत्तीसगढ़ में समय बिताये थे उन स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम को छतीसगढ़ में भांजा माना जाता है। यही कारण है कि यहां भांजा को सम्मान देने के लिए चरण स्पर्श किया जाता है। दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव अब वृहद स्वरूप में आयोजित हो रहा है। यह महोत्सव उत्तरोत्तर कीर्तिमान स्थापित करे।

छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा ने कहा कि रामगढ़ हर काल खंड में कुछ न कुछ घटनाओं से जुड़ा हुआ है। रामगढ़ विश्व का प्रथम नाट्यशाला  होने के साथ ही महाकवि कालिदास की ग्रंथ मेघदूत की रचना स्थली भी है। जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह ने कहा कि वनवास काल में भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के चरण स्पर्श से रामगढ़ की भूमि पावन हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ की शुरुआत की है जिससे वनवास काल में श्री राम ने प्रदेश में जहां-जहां रुके थे उन स्थलों को संरक्षित और विकसित किया जा रहा है।

कलेक्टर संजीव कुमार झा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि रामगढ़ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक तीनों का संगम स्थल है। वनवास काल में भगवान श्री राम यहां  विश्राम किए थे। महाकवि कालिदास ने अपनी रचना मेघदूतम का सृजन किया था। मेघदूतम में कालिदास ने यक्ष द्वारा अपनी विरह वेदना को व्यक्त करने के लिए अपनी प्रेयसी को मेघों के माध्यम से संदेश भेजने में प्रकृति का सुंदर चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ महोत्सव कोरोना संक्रमण के कारण विगत दो वर्ष अयोजित नहीं हुआ। इस बार संक्रमण कम होने के कारण पुनः आयोजन किया जा रहा है। इस बार का आयोजन पूर्व वर्षां से बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोग यहां से संतुष्ट और प्रसन्न होकर जाए।

इस अवसर पर संसदीय सचिव व भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े, कमिशनर जीआर चुरेन्द्र, पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, नगर निगम आयुक्त विजय दयाराम के, डीएफओ पंकज गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीमती राधा रवि, जनपद अध्यक्ष श्रीमती भोजवंती सिंह, उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा, विधायक प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंहदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधि, शोधार्थी, कवि, अधिकारी ,कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।