राज्य महिला आयोग ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में की सुनवाई, 5 प्रकरण को किया गया नस्तीबद्ध, 7 प्रकरणों को दिया गया नियमित सुनवाई एवं जांच हेतु, शेष प्रकरण को सुना जाएगा आगामी सुनवाई में

June 15, 2022 Off By Samdarshi News

एडिशनल एसपी को चार प्रकरणों में जांच हेतु आयोग ने दिया निर्देश

पत्नी को कैंसर हुआ, पति को पता चला तो पत्नी को घर से निकाला, अब पुलिस करेगी जांच

आयोग की समझाईश पर पति अपने वेतन से पत्नी व बच्चों को प्रतिमाह दस हजार रुपए देना किया स्वीकार

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर एवं श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज जांजगीर जिले से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई जिला पंचायत के सभाकक्ष में की। सुनवाई के दौरान डॉ. नायक ने सभा को संबोधित करते हुए जांजगीर जिले के मालखरौदा इलाके के पिहरीद में बोरवेल में फंसे राहुल को सकुशल बाहर निकालने पर प्रसन्नता प्रगट की है। डॉ. नायक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित शासन प्रशासन को बधाई और साधुवाद दिया। उसके बाद जांजगीर कलेक्टर को फोन कर उन्हें व उनकी टीम को बधाई दी है, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में रहते हुए भी जिस तरह से बचाव अभियान के दौरान पल-पल की जानकारी ले रहे थे, उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

आज सुनवाई में प्रस्तुत एक प्रकरण में आवेदिका ने आयोग को शिकायत की है कि 22 जुलाई से 24 जुलाई 21 तक उनके द्वारा सास का देहांत होने पर अवकाश मांगा था। इस आवेदन पर अनावेदक ने अवकाश स्वीकृत नही किया। इसके बाद भी आवेदिका के 5 दिन ड्यूटी करने के उपरांत भी वेतन कटौती कर दिया है। उभयपक्षों द्वारा आयोग के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किया है। इस पर अध्यक्ष डॉ. नायक ने आवेदिका को  आयोग की ओर से समझाईश दिया कि उपसंचालक पशु चिकित्सा के पास अपने 5 दिन की वेतन कटौती की वापसी की मांग प्रस्तुत करें। इसकी प्रति अनावेदक को भी प्रेषित कर दे। अनावेदक भी वेतन दिलाने में सहयोग प्रदान करे, जिससे आवेदिका को वेतन मिल जाये। वेतन मिलने की सूचना आयोग की सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर को देने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे इस प्रकरण को निराकृत किया जा सकेगा

एक अन्य मानसिक प्रताड़ना के प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति पर बिना किसी सलाह के नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने संबंधी विभाग में आवेदन प्रस्तुत करने पर आवेदन प्रस्तुत किया। अनावेदक पति अकेले रहता है। उनके नौजवान बच्चे है, जिसके पढाई लिखाई के लिए खर्च अनावेदक द्वारा वहन किया जाना है। अनावेदक ने बताया कि उनका तबियत ठीक नही रहता है। उन्हें शुगर और बीपी की बीमारी है। अनावेदक ने बताया कि अपने विभाग में वीआरएस का आवेदन पत्र वापस लेने आवेदन कर दिया और वह अपने बीबी बच्चों का ख्याल रखने के लिए सहमत है। इस पर अनावेदक को नौकरी वाले शहर में पत्नी के साथ रहने और अपसी तालमेल बढाने की समझाइस दी गई।इसके साथ ही यह स्वीकार कर किया कि प्रतिमाह अपने वेतन से 10 हजार रुपये देगा एवं चांपा के मकान का किराया लेकर आवेदिका लेगी, जिससे वह घर खर्च चलाएगी। इस प्रकरण को 6 माह के निगरानी आयोग की सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर द्वारा किया जाएगा और प्रतिमाह उभयपक्ष आकर अपने संबंध सुधारने की प्रगति की सूचना जिला संरक्षण अधिकारी को टेलीफोन पर सूचना देंगे एवं इसका प्रतिवेदन बनाएंगे जिससे इस प्रकरण को निराकृत किया जा सकेगा।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी के मध्य बहुत छोटी मोटी बातों पर अनावश्यक विवाद है। दोनो शिक्षक है। एक समान वेतन मिलता है दोनो 10 किलोमीटर पर अलग-अलग रहते है। अनावेदक पति 8 साल की बच्ची को अपने पास रख लिया है। आवेदिका पत्नी से मिलने भी नही दे रहा है। जो कि वास्तव में अत्याचार व अपराध दोनों है। आयोग द्वारा अनावेदक पति और पत्नी को समझाईश देने पर साथ रहने तैयार है। मासूम बच्चे के भविष्य हेतु दोनो 5-5 बिंदु शर्ते एवं बच्ची सहित आगामी निर्धारित तिथि को आयोग की सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर के समक्ष उपस्थित होगे। एवं जिला संरक्षण अधिकारी इनकी नियमित निगरानी करेगी। इस प्रकरण को निगरानी में रखा गया है।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक पक्ष न्यायालय में प्रकरण दर्ज करा दिया है ऐसे में आवेदिका का रजिस्ट्री शुन्य किए जाने की प्रक्रिया चालू रखना चाहिए। आयोग की ओर से समझाईश दिया गया कि आयोग के संपूर्ण आर्डरशीट का प्रमाणित प्रति लेकर रजिस्ट्री शुन्य कराने का आवेदन करें। जो न्यायहित में अति आवश्यक है। आज ही आवेदिका को आयोग की आर्डरशीट एवं दस्तावेजों की प्रतिलिपि दिया गया। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने आयोग को बताया कि जब मुझे कैंसर होना पता चला तो पति द्वारा समाज से तलाक का दबाव डाल रहे हैं। आवेदिका ने पुलिस थाने में भी शिकायत दिया था। जिसमें सही ढंग से आवेदिका को सुना नहीं गया। आयोग ने सुनवाई में उपस्थित जांजगीर-चांपा  एडिशनल एसपी को प्रकरण की पुनः जांच करने कहा गया है। जिससे इस प्रकरण को निराकृत किया जा सकेगा, इस प्रकरण पर सम्पूर्ण निगरानी आयोग की सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर करेंगी। आज सुनवाई में 36 प्रकरण रखे गए थे, जिसमें से 5 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है, आयोग की सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर को 7 प्रकरणों की नियमित सुनवाई एवं जांच हेतु दिया गया है। शेष प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है।