शहरी महिलाओं के लिए खुलेंगे आजीविका केंद्र, यहां बड़े पैमाने पर होंगी आजीविकामूलक गतिविधि एवं प्रशिक्षण

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शहरी क्षेत्रों में बड़े रोजगार के अवसरों को उपलब्ध कराने खोले जाएंगे केंद्र, यहां प्रशिक्षण की सुविधा भी होगी, निर्माण केंद्र भी होगा और मार्केट लिंकेज की व्यवस्था भी होगीकलेक्टर ने दिये है निर्देश

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

दुर्ग, शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आजीविकामूलक गतिविधियों का विस्तार देने के लिए प्रत्येक निगम में आजीविका केंद्र आरंभ किये जाएंगे। यहां महिलाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ ही निर्माण के लिए जगह भी उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही मार्केट लिंकेज भी कराया जाएगा ताकि सुनिश्चित आय की व्यवस्था के साथ ही तेजी से आर्थिक विकास की राह भी खुल पाये। यह निर्देश कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों का सृजन हो जिसके लिए मार्केट की संभावनाएं अच्छी हों।

उदाहरण के लिए जैसे पैबर ब्लाक बनाने का विषय है तो इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा सकता है। निगम के निर्माण कार्यों में भी इसका उपयोग होता है। इस तरह की अनेक गतिविधियां हैं। जिनमें महिलाओं को जोड़कर प्रशिक्षित कर तथा मार्केट लिंकेज प्रदान कर उनके लिए उपयोगी आय की राह खोली जा सकती है। सभी निगम आयुक्त इस दिशा में कार्य करें। बैठक में अपर कलेक्टर सुश्री नूपुर राशि पन्ना, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक, भिलाई निगम आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे, सहायक कलेक्टर श्री हेमंत नंदनवार उपस्थित थे।

वृद्धाश्रम में डायटिशियन जाकर तय करेंगे मेनू- कलेक्टर ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वृद्धजनों का समुचित ध्यान रखना भी हमारी पहली प्राथमिकता है। बीमार पड़ने पर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने का उचित प्रबंध हो। कैंपस साफ-सुथरा सुविधापूर्ण हो। सबसे ज्यादा ध्यान खाने-पीने पर रखने की जरूरत है। बुजुर्गों के लिए खाना किस तरह का होना चाहिए, इसके लिए डायटिशियन की राय के मुताबिक नाश्ते और खाने का प्रबंध करें। उन्होंने सिविल सर्जन को जिला अस्पताल के डायटिशियन को वृद्धाश्रम में भेजकर इसका निर्धारण कराने के निर्देश दिये।

छात्रावास होने चाहिए बढ़िया, जहां मरम्मत की जरूरत तो प्रस्ताव भेजें डीएमएफ में- कलेक्टर ने कहा कि छात्रावासों में बच्चों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अधिकारी यहां  की व्यवस्थाओं की नियमित मानिटरिंग करें। जहां कहीं भी टूटफूट हो रही है या मरम्मत की जरूरत है तो फौरन यह कार्य कराएं। इसके लिए सभी एसडीएम अपने क्षेत्रों के स्कूलों और छात्रावासों का निरीक्षण कर लें। इस संबंध में जल्द ही प्रस्ताव डीएमएफ के लिए दे दें ताकि यह कार्य कराया जा सके।

डायरिया और वायरल पर भी ली जानकारी- कलेक्टर ने अस्पतालों में बढ़ रहे वायरल फीवर के मामलों की जानकारी भी ली। साथ ही कहा कि यह मौसम डायरिया का भी है। पीएचई विभाग सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में पानी की सैंपल की जांच कर लें। साथ ही क्लोरिनिकरण का कार्य भी पूरा कर लें। बच्चों के हैंड हाइजिन पर विशेष ध्यान दें। इसके लिए हाथ धुलाई दिवस में जिस तरीके से हाथ धुलाने कहा जाता है उसी प्रकार से बच्चों के नियमित रूप से हाथ धुलाने की प्रैक्टिस कराएं। कलेक्टर ने डेंगू के मामलों पर भी बारीक नजर रखने कहा और हाटस्पाट एरिया में विशेष तौर पर नजर रखने के निर्देश दिये।

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