गांव के गौठान ने महिलाओं के लिए खोले आजीविका के द्वार : कुनकुरी, दुलदुला, फरसाबहार विकासखण्ड की 88 स्व सहायता समूह की महिलाएं अब तक 1 करोड़ 53 लाख 89 हजार रूपए की सामग्रियों का कर चुकी हैं विक्रय

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समूह की महिलाएं गौठान से जुड़कर साबुन, अगरबत्ती, फिनाईल, धनिया पाउडर का भी कर रही हैं निर्माण

जिला प्रशासन द्वारा जशपुर जिला मुख्यालय में सी-मार्ट की सुविधा भी कराई गई है उपलब्ध

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुरनगर

जशपुर जिले में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी और गोधन न्याय योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। कुनकुरी, दुलदुला और फरसाबहार विकासखण्ड के गौठानों की स्व सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न प्रकार की सामग्री तैयार कर ही हैं। समूह की महिलाओं द्वारा कपड़े से मास्क बनाना, सर्फ, साबुन, अगरबत्ती, फिनाईल, बड़ी-पापड़, चटाई, धनिया पाउडर, अरहर दाल सहित साग-सब्जी का भी विक्रय किया जा रहा है।

जिला प्रशासन द्वारा समूह की महिलाओं को सामग्री का विक्रय कराने के लिए स्थानीय बाजारों के साथ ही जशपुर जिला मुख्यालय में सी-मार्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। महिलाएं अपने हाथों से बनाई गई सामग्री और गौठानों में उत्पादित सामग्रियों का विक्रय सी-मार्ट के माध्यम से करती हैं। जिला प्रशासन के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के माध्यम से गौठानों में कार्य करने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न सामग्री बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड दुलदुला, कुनकुरी एवं फरसाबहार में महिला सशक्तिकरण करने के लिए 88 महिला स्व सहायता समूह विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़कर अनेक प्रकार के उत्पाद तैयार कर रहीं है। इन महिला समूहों द्वारा अब तक 1,53,89,087/- रूपए के उत्पाद का विक्रय किया जा चुका हैं।

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