राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश : सीमांकन के लंबित प्रकरणों को तेजी से अभियान चलाकर करें निराकरण – कलेक्टर

Advertisements
Advertisements

लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से प्राप्त आवेदनों के निराकरण में देरी पर लगेगा प्रतिदिन 500 रूपये का जुर्माना

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, कोरबा

कलेक्टर संजीव झा ने कलेक्टर सभा कक्ष में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिये है। उन्होंने सीमांकन के लंबित प्रकरणों के तेजी से निराकरण के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने पटवारियों की टीम बनाकर एक सप्ताह के भीतर सीमांकन के लंबित प्रकरणों को निराकृत करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री झा ने लोक सेवा केन्द्रो के माध्यम से प्राप्त आय, जाति, निवास प्रमाण-पत्र आदि बनवाने के लिए प्राप्त आवेदनों में देरी होने पर जुर्माना लगाने के निर्देश भी दिये है। सीएससी के माध्यम से प्राप्त आवेदन के निराकरण के लिए निर्धारित समय सीमा के बाद प्रतिदिन 500/-रूपये का जुर्माना संबंधित राजस्व अधिकारियों पर लगाने के निर्देश दिये है। कलेक्टर श्री झा ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में विवादित अविवादित नामान्तरण, ई कोर्ट के लंबित प्रकरण, खाता विभाजन, वृक्ष कटाई के प्रकरण, नक्शा अपडेशन, नक्शा मिलान, अभिलेख शुद्वता, आरबीसी 6-4 के प्रकरण, नारंगी क्षेत्र सर्वे, स्वामित्व योजना एवं राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना आदि की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान अपर कलेक्टर विजेन्द्र पाटले, संयुक्त कलेक्टर अवध सिंह राणा, सभी अनुविभागीय अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

बैठक में कलेक्टर श्री झा ने तहसीलवार लंबित राजस्व प्रकरणों की जानकारी ली। साथ ही सभी प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा करते हुए समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारियों को तहसील वार राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करने और प्रकरणों के निराकरण पर निगरानी रखने के भी निर्देश दिये। उन्होने वृक्ष कटाई के लिए प्राप्त आवेदनों की अनुविभाग वार जानकारी ली। साथ ही लंबित आवेदनों को तेजी से निराकण करने के लिए कहा। कलेक्टर ने आदेश पारित होने के बाद अभिलेख दुरूस्ती के लिए लंबित आवेदनों की भी जानकारी ली। उन्होने अभिलेख दुरूस्ती के कार्यो को भी तेजी से पूरा करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री झा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के मुआवजा के लिए प्रकरण लंबित नही होने चाहिए। आरबीसी 6-4 के प्रकरणो का निराकरण समय सीमा में हो जानी चाहिए। उन्होंने भूमि अधिग्रहण के मुआवजा के लिए भी प्राप्त आवेदनों की जानकारी ली। साथ ही ऐसे आवेदनों को प्राथमिकता में लेते हुए मुआवजा वितरण करने के निर्देश दिये।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!