कमिश्नर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आदिवासी समाज के प्रमुखों से की चर्चा : मिसल के अभाव में ग्राम सभा के अनुमोदन से करें जाति का निर्धारण – कमिश्नर डॉ. अलंग

July 21, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, बिलासपुर

कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने कहा कि आदिवासी समाज के किसी व्यक्ति का मिसल अभिलेख उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो संबंधित ग्राम सभा के अनुमोदन से उनकी जाति का निर्धारण किया जा सकता है। राज्य सरकार ने इस आशय के स्पष्ट प्रावधान कर दिशा-निर्देश जारी किए है। कमिश्नर डॉ. अलंग ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, रायगढ़ जिले के आदिवासी समाज के प्रमुखों से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को राज्य शासन की मंशानुरूप सरल तरीके से आदिवासियों के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए है।

इस बैठक में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा तथा रायगढ़ के आदिवासी समाज के प्रमुखों सहित उक्त जिलों के कलेक्टर और आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त भी शामिल रहे।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पाव समाज के श्री दयाराम पाव ने दस्तावेज में मात्रात्मक त्रुटि, इसी जिले की सेेमरा गांव की गजमती भानू ने मिसल न होने के कारण जाति प्रमाण पत्र बनने में आ रही समस्या के बारे में अवगत कराया। डॉ. अलंग ने समस्या को संज्ञान में लेते हुए निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

कोरबा जिले के आदिवासी समाज के लोगों ने भी मिसल की समस्या, जनजातियों के नाम में मात्रात्मक त्रुटि आदि समस्या से अवगत कराया। बिरहोर समाज के पहाड़ी कोरवा रामसिंह ने समाज के छूटे हुए सदस्यों के जाति, निवास, आधार कार्ड न बनने की समस्या, गोड़ समाज के सेवक राम मरावी ने विस्थापन के कारण मिसल नहीं होने से जाति प्रमाण पत्र बनने में आ रही समस्या से अवगत कराया। संभागायुक्त ने ग्राम सभा के विशेष शिविर के माध्यम से सभी छूटे हुए सदस्यों के प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार रायगढ़ में भी अधिकांश आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने मिसल, विस्थापन, दस्तावेज में मात्रात्मक त्रुटि होने आदि के कारण प्रमाण पत्र बनने की समस्या से अवगत कराया। संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने सभी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि जल्द ही ग्राम सभा के माध्यम से शिविर लगाकर जाति प्रमाण पत्र बनाये जाएंगे। उन्होंने समाज के प्रतिनिधियों से इस संबंध में अन्य लोगों को भी जागरूक करने कि अपील की।