मानसिक अस्वस्थ व्यक्ति भी देश की मूल्यवान मानव संपदा है, इनका चिकित्सीय उपचार प्राप्त करने के साथ विधिक अधिकार भी है – डॉ. शुक्ला

October 10, 2021 Off By Samdarshi News

न्यायाधीश श्री मिश्रा ने मानसिक अस्वस्थ व्यक्तियों के विधिक अधिकारों एवं प्रावधानों से कराया अवगत

समदर्शी न्यूज ब्यूरो,

रायपुर. अंतराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ दिवस का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर तथा शुक्ला मनोरोग चिकित्सालय माना द्वारा संयुक्तरुप से किया गया। इस अवसर पर प्रवीण मिश्रा सचिव/न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, डॉक्टर जे. एन. शुक्ला, प्रमुख शुक्ला मनोरोग चिकित्सालय माना, अन्य चिकित्सक तथा स्वास्थ्य हो चुके मरीज और अन्य सहभागी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर जे.एन. शुक्ला द्वारा किया गया उनके द्वारा बताया गया कि कोई भी रोग कभी भी लाईलाज नही रहता है और कभी न कभी किसी समय या काल में शोध उपरान्त उसके उपचार की विधि को खेाज लिया जाता है। एक समय पर उसके समूल विनाश के लक्ष्य को प्राप्त करके मानव सभ्यता की रक्षा की जाती है। इसी प्रकार मनोरोग भी किसी प्रकार से ऐसा रोग नही है जिसका उपचार संभव नही है। बस लोगो को जागरुक होकर आगे आने की आवश्यकता मात्र है। अपने उद्बोधन में उनके द्वारा कहा गया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक ही अपील लोगो से करना चाहूंगा मनोरोग का ईलाज संभव है बस आपके कदम आगे करने की प्रतीक्षा है क्योकि चिकित्सा प्रणाली सदैव मानव सेवा के लिए समर्पित है।

न्यायाधीश प्रवीण मिश्रा द्वारा इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सक, विधि विधार्थियों, गणमान्य अतिथिगण एवं श्रोतागण को दण्ड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दण्ड संहिता, संविधान तथा मानसिक अस्वस्थ व्यक्तियों के अधिकारो से संबधित विधियो की जानकारी संक्षेप में प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा संचालित योजना मानसिक रुप से बीमार और मानसिक रुप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं 2015 की जानकारी दी गई।

उनके द्वारा माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के शीला बारसे विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य में प्रतिपादित निर्देश से भी अवगत कराया गया कि गैर अपराधी मानसिक बीमार व्यक्तियों को कारागारों में रखना अवैध तथा असंवैधानिक है। उनके द्वारा बताया गया कि न्यायालयीन कार्यवाहियों के दौरान मानसिक बीमार और मानसिक अशक्तताग्रस्त व्यक्तियों को भी निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है।

अन्य उपस्थित चिकित्सक द्वारा मानसिक रोग के प्रमुख कारण अवसाद तथा नशें की प्रवृत्ति होना बताया और उनके द्वारा कहा गया कि इन समस्याओं का भी मनोरोग विज्ञान के माध्यम से उपचार संभव है। कार्यक्रम में न्यायाधीश/सचिव प्रवीण मिश्रा, विधि छात्रों और पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स ने चिकित्सालय में उपस्थित मरीजों को अपने हाथों से भोजन कराया तथा उनके साथ भोजन भी किया।