अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई पुलिस ने, भाई ने ही दिया था घटना को अंजाम !

अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई पुलिस ने, भाई ने ही दिया था घटना को अंजाम !

October 27, 2022 Off By Samdarshi News

शराब के पैसों के लिए हुआ था विवाद,

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, बिलासपुर

बिल्हा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरतोरी में ग्रामीण की हत्या की गुत्थी बिल्हा पुलिस ने सुलझा ली है। हत्यारा कोई और नही बल्कि मृतक खोरबहरा ध्रुव का भाई ही था, जिनके बीच बीती रात शराब के पैसों के लिए विवाद हुआ था। जिससे गुस्साए आरोपी चैतु ध्रुव उर्फ कोंदा ने अपने भाई को मौत के घाट उतार दिया। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात मृतक गौरा-गौरी पूजा देखने गया था। जिसकी सुबह साइंस पार्क के पास रक्त रंजित लाश मिली थी। इधर पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता देखते हुए डॉग स्क्वायड की मदद ली गई जहाँ खोजी कुता मृतक खोर बहरा ध्रुव के भाई चैतू उर्फ कोंडा ध्रुव को देखकर भौंकने लगा, तभी पुलिस को मृतक के भाई के ऊपर संदेह हुआ।

बिल्हा पुलिस को पहले तो आरोपी गुमराह कर रहा था। लेकिन पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि मंगलवार को मृतक खोरबहरा ध्रुव उसका भाई चैतु ध्रुव उर्फ कोंदा और गब्बर ध्रुव गौरा-गौरी पूजा देखने गए थे। जहाँ से वह रात करीब 8:00 बजे तीनों दुकान से गुटखा लेकर हाई स्कूल साइंस पार्क के पास बैठ गए थे। इसी बीच गब्बर का बेटा अरविन्द वहां पहुंचा और अपने पिता को लेकर चलता बना। जिसके बाद चैतू ने खोरबहरा से दारु पीने के लिए पैसे मांगे। खोर बहरा ने पैसे नहीं दिए तो गुस्से में चैतू ने उसे धक्का मार के नीचे गिरा दिया। जिससे उसकी सिर में गहरी चोट आई। आरोपी यहीं नहीं थमा आरोपी ने पास में रखे पत्थर से मृतक के सर पर पत्थर से कई वार किए जिससे उसकी जान चली गई।

आरोपी मामले को दबाने लाश को छुपाने की नाकाम कोशिश कर साइंस पार्क के पीछे आड़ में छुपा दिया, साथ ही मामले में गब्बर को फंसाने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने मामले को 24 घण्टे के अंदर सुलझा लिया है, वही आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस कार्यावाही में बिल्हा से थाना प्रभारी अंजना केरकेट्टा, उप निरीक्षक यू. एन. शांत कुमार साहू (एसीसीयू), निरीक्षक रामचंद्र साहू, प्रधान आरक्षक – 63 शत्रुहन सिंह मेश्राम, देवमुन पुहुक(एसीसीयू), आरक्षक – दिनेश पटेल, रूपलाल चंद्रा, संतोष मरकाम, रंजित खलखो, ज्वाला सिंह, जय बंजारे, सुमंत चंद्रवंशी एवं डाग मास्टर राममिलन एवं डाग रोजी का विशेष योगदान रहा।