चिरायु टीम के माध्यम से गंभीर बिमारी से ग्रस्ति बच्चों का चिन्हांकन करें-कलेक्टर जशपुर

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सीडीपीओ और पर्यवेक्षक को अपने क्षेत्र के आंगनबड़ी का नियमित निरीक्षण करने के दिए निर्देश

कुपोषित बच्चों को एनआरसी सेंटर में भर्ती करने के लिए कहा

कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ली समीक्षा बैठक

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक लेकर आंगनबड़ी केन्द्रों का बेहतर संचालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीडीपीओ को अपने क्षेत्र के अंतर्गत् संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करके छोटे बच्चों पूरक पोषण अहार, रेडीटूईट, गर्म भोजन, गर्भवती माताओं समय पर टीकाकरण और नियमित स्थास्थ्य जांच करवाने के भी निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अरूण पाण्डेय, सीडीपीओ, आंगनबाड़ी पर्यवेक्ष उपस्थित थे।

कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए हैं और केन्द्रों में शौचालय, पेयजल, विद्युतीकरण प्राथमिकता से करने के लिए कहा है। बच्चों का वजन करके गंभीर और अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी सेंटर में भर्ती करवाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आंबनबाड़ी में छोटी-छोटी समस्याओं को समाधान करने के लिए सरपंचों से संपर्क करके समाधान करते जाए। कलेक्टर ने सभी सीडीपीओ और पर्यवेक्षक को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि सभी अपने निर्धारित समय में आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपस्थित रहें और अपने कार्यो का संपादन करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के चिरायु टीम आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में जा करके गंभीर एवं अन्य बिमारियों से ग्रस्ति बच्चों को चिन्हांकन करके उनकी पोर्टल में एंट्री करती है ताकि गंभीर बच्चों को उच्च अस्पताल में भेजकर प्राथमिकता से ईलाज कराया जा सके।

कलेक्टर ने कहा कि चिरायु टीम जाने से पूर्व गांव में मुनादी अनिवार्य रूप से करा ले। पालकों से भी संपर्क करके टीम की आने की जानकारी दे और लक्षण दिखने वाले बच्चों की सूची तैयारी करके चिरायु टीम के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से करा लें। उन्होंने वजन त्यौहार, बच्चों का ग्रोथ चार्ट, पोषण वाटिका, गृह भेेंट पंजी, रसोई कक्ष की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। एनीमिक और किशोरी बालकों का खून जांच करके दवाईयॉ भी देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर भी बैठक आयोजित करके समीक्षा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री बाल संदर्भित योजना के तहत् शिविर लगाकर बच्चों को लाभ देने के लिए कहा है। बैठक में उन्होंने विभाग अंतर्गत पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी की स्थिति, आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन एवं पदपूर्ति अद्यतन स्थिति, मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन की स्थिति, आंगनबाड़ी भवन निर्माण की स्थिति, केद्रों में रंनिग वाटर उपलब्धता, वजन त्यौहार अंतर्गत विगत 05 वर्षों में कुपोषित बच्चों की स्थिति, मोर पुपोषित जशपुर, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, प्रदेश में पूरक पोषण आहार कार्यक्रम भौतिक स्थिति, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, कौशल्या मातृत्व योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, नोनी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना, आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान सहित अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा की।

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