जशपुर जिले में एफ.एम.डी सघन टीकाकरण अभियान 21 दिसम्बर 2022 तक : पशुधन विभाग द्वारा मवेशियों को मुंहपका खुरपका रोगों से बचाव हेतु टीकाकरण कराने की गई अपील

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुर जिले में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एफ.एम.डी. सघन टीकाकरण अभियान का 07 नवम्बर से 21 दिसम्बर 2022 तक आयोजन किया जा रहा है। जिसमें जशपुर के विभाग के 57 दलों द्वारा टीकाकरण कार्य संपन्न किया जाएगा।  कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले को 4,66,453 मवेशियों के टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त है, जिसमें समस्त गोवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं का एफ.एम.डी. टीकाकरण किया जाएगा। मुंहपका खुरपका रोग (थ्डक्) खुर/दो खुरों वाले पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेंड, बकरी, हिरन, भेड़, सूअर तथा अन्य जंगली पशुओं में होने वाला एक अत्यंत संक्रामक एवं घातक विषाणु जनित वायुकोशीय रोग है। गायों और भैंसों को खुरपका रोग काफ़ी

प्रभावित करता है। यह काफी तेज़ी से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसे प्रभावित होने वाले जानवर मे अत्याधिक तेज बुखार  के साथ मुँह और खुरों पर छाले और घाव बन जाते हैं। रोग के असर के कारण कुछ जानवर स्थायी रूप से लंगड़े भी हो सकते हैं, जिस कारण वे खेती में उपयोग के लायक नहीं रह जाते। इसका संक्रमण होने के कारण गायों का गर्भपात हो सकता है और समय पर इलाज नहीं होने के कारण युवा बछड़े की मृत्यु भी हो सकती हैं। इस रोग से संक्रमित मवेशियों के दूध उत्पादन में अचानक से गिरावट आ जाती हैं। साथ ही ऐसे मवेशियों का दूध अनुपयोगी हो जाता है।  

इस रोग के कारण कृषक को बहुत धन की हानि होती है और कार्य भी बाधित हो जाते हैं। इस हेतु इस बीमारी के रोकथाम के लिए गायों और भैंसों का टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. जी.एस.एस. तंवर, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें ने जानकारी देते हुए बताया कि इस रोग का कोई निश्चित उपचार नहीं है। टीकाकरण ही इस बीमारी से बचाव के लिए सर्वोत्तम है। इस हेतु सभी पशु पालकों को अपने पशुओं को एफ.एम.डी. टीका लगवाने का आग्रह किया है। साथ ही  रोग से ग्रसित पशुओं को पशु चिकित्सक के परामर्श पर दवा देने के लिए प्रेरित किया है।

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