हीमोग्लोबिन स्तर मिला था बेहद कम, तत्काल किया गया अस्पताल में एडमिट, अब स्थिति बेहतर

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कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के मार्गदर्शन में लगाए जा रहे कैंप

हेल्थ कैंप में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स कर रहे गंभीर मरीजों की स्क्रीनिंग

अगला शिविर 19 नवंबर को लैलूंगा के बसंतपुर गांव में

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायगढ़

रायगढ़ जिले में ‘सरकार तुंहर द्वार’ के तहत लगाए जा रहे मेगा हेल्थ कैंप लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में कारगर साबित हो रहा है। शिविर में संबंधित गांव के साथ-साथ आसपास के लोग अपनी छोटी-मोटी बीमारियों का फौरी इलाज करवा पा रहे हैं वहीं गंभीर रूप से पीडि़त मरीजों की पहचान भी हो रही है। जिससे उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा सके।
9 नवंबर को पुसौर विकासखंड के सूपा में आयोजित कैंप इलाज के लिए कठाली गांव की निर्मला बरेठ पहुंची हुई थी। खून की जांच में उनका हीमोग्लोबिन मात्र 4 ग्राम मिला। महिलाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य रूप से 11.6 से 15 ग्राम प्रति डेसिलिटर होना चाहिए। 5 ग्राम से कम मात्रा खतरनाक मानी जाती है, जिसमें तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। निर्मला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर ने तत्काल उन्हें उपचार हेतु जिला अस्पताल में एडमिट करने के लिए रेफर किया। निर्मला को अस्पताल में भर्ती कर उसी दिन एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। 10 नवम्बर को जांच करने पर हीमोग्लोबिन 6.9 था, उन्हे 11 नवम्बर को पुन: एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया, जिसके बाद जांच करने पर हीमोग्लोबिन 7.6 ग्राम तक बढ़ चुका था। जांच में पता चला कि उनका पीलिया भी बढ़ा हुआ था। उसका भी उसका उपचार शुरू किया गया। 5 दिन में अस्पताल में इलाज के बाद उनकी स्थिति बेहतर हुई तो 14 नवम्बर को उन्हें जिला अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में नियमित जांच की समझाइश दी गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके स्वास्थ्य की रेगुलर फॉलोअप और मॉनिटरिंग कर रही है।

‘सरकार तुंहर द्वार’ से लोगों तक पहुंचती स्वास्थ्य सुविधाएं, 6 हजार से अधिक का हुआ इलाज
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल से जिले में सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें वृहत समाधान शिविर के साथ ही मेगा हेल्थ कैंप लगाए जा रहे हैं। अब तक ऐसे दो कैंप लगाए जा चुके है। खरसिया विकासखंड के बर्रा और पुसौर विकासखंड के सूपा में ये कैंप लगाए गए। जिसमें 6 हजार से अधिक मरीजों की जांच की गई। शिविर के आयोजन से पहले विभागों को डोर टू डोर सर्वे करने के निर्देश हैं। जिससे यदि कोई गंभीर समस्या है तो शिविर के दिन उनकी जांच हो सके। अगला शिविर 19 नवंबर को लैलूंगा विकासखंड के बसंतपुर में आयोजित किया जाएगा।
स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स का पैनल रहता है मौजूद
मेगा स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद रहती है। जिनमें हृदयरोग, शिशुरोग, अस्थिरोग, चर्मरोग, न्यूरोलॉजिस्ट, नेत्ररोग, मूत्ररोग, नाक-कान-गला रोग, ऑडियोलॉजिस्ट, मानसिक स्वास्थ्य जैसे विशेषज्ञ डॉक्टर्स द्वारा नि:शुल्क जांच की जाती है। इसके साथ जीवनशैली से जुड़ी बीपी, शूगर तथा अन्य बीमारियों की जांच भी यहां की जाती है। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से विभिन्न प्रकार की लैब जांच की सुविधा भी शिविर में होती है। उन्हें दवाइयां भी वितरित की जाती हैं।

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