सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता और प्रबंधन के संबंध में तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ
October 26, 2021सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं स्वयं सेवकों को दी गई कार्यों एवं उद्देश्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो
जगदलपुर, बस्तर जिले में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता एवं प्रबंधन के संबंध में 26 से 28 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ आज जिला पंचायत जगदलपुर के सभाकक्ष में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ में वनाधिकार मान्यता अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के लिए गठित कार्य समिति के सदस्य श्री मोहन हीराबाई हीरालाल उपस्थित थे। इसके अलावा आदिवासी, दलित मंच के संयोजिका श्रीमती राजिम कतेवास एवं सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ. शरदचन्द्र लेले भी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों एवं प्रशिक्षकों ने उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं स्वयं सेवकों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता और प्रबंधन के उद्देश्यों एवं इसके सफल क्रियान्वयन हेतु जमीनी स्तर पर किए जाने वाले कार्यों के बारीकियों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मोहन हिराबाई हीरालाल ने सामूहिक अधिकार की प्रेरणा और वन अधिकार कानून का योगदान के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वनों एवं वन्य संसाधनों की रक्षा वहां पर रहने वाले आदिवासियों एवं वनवासियों ने की है। श्री हीरालाल ने कहा कि वनाधिकार मान्यता अधिनियम वनों में रहने वाले आदिवासियों एवं वनवासियों को उनके वाजिब हक को दिलाने में अत्यंत कारगर साबित होगा। उन्होंने इस कार्य में लगे सभी लोगों को अपने कार्य को पूरी सावधानी एवं निष्ठापूर्वक करते हुए इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने को कहा। इस अवसर पर आदिवासी, दलित मंच के संयोजिका श्रीमती राजिम केतवास ने इस अधिनियम के उद्देश्य एवं इसके सफल क्रियान्वयन उपायों के संबंध में जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने वनाधिकार मान्यता हेतु गठित समिति के कार्यों आदि के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर्स श्री तुलसी राम ठाकुर एवं प्रशिक्षकों ने इस अधिनियम के महत्व, उद्देश्य एवं जमीनी स्तर पर किए जाने वाले कार्यों तथा सम्पूर्ण प्रक्रियाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।