सकारात्मक पहल और सबकी सहभागिता से सफल होगा राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सवः मंत्री अमरजीत भगत

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संस्कृति मंत्री ने प्रदेश के सभी विधा के कलाकारों को दिया राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का निमंत्रण

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव को सफल बनाने फिल्म निर्माता, निर्देशकों, कलाकारों तथा होटल-मोटल के प्रतिनिधियों ने दिए सुझाव

मंत्री श्री भगत ने कलाकारों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए जन चौपाल की तर्ज पर माह में एक बार कला चौपाल लगाने की घोषणा की

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

रायपुर, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि आगामी 28 से 30 अक्टूबर तक होने जा रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव को सफल बनाने हम सबकी सहभागिता एवं सकारात्मक पहल जरूरी है। श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह दूसरा आयोजन है। इस नृत्य महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले कलाकारों के मध्य सकारात्मक वातावरण निर्मित करने की अहम भागीदारी विशेष तौर पर कलाकारों की होती है। इसके अलावा ऑटो, टैक्सी, ट्रैवलर के साथ-साथ होटल-मोटल के प्रबंधन की भी अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से भव्य राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, हम सबकी जिम्मेदारी है कि महोत्सव के प्रति सकारात्मक माहौल बनाते हुए बेहतर मेहमान नवाजी से देश के विभिन्न प्रान्तों तथा विदेशों से आने वाले कलाकारों के मध्य बेहतर वातावरण तैयार किया जाए। मंत्री श्री भगत ने इस मौके पर संस्कृति विभाग द्वारा ऑनलाइन कार्टून प्रतियोगिता के लिए मंगाई गई कार्टूनों का संग्रह कर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया।

मंत्री श्री भगत ने आज महंत घासीदास संग्रहालय स्थित सभा कक्ष में प्रदेश के अलग-अलग विधाओं से जुड़े कलाकारों, फिल्म निर्माता-निर्देशकों और होटल-मोटल के प्रतिनिधियों का एक सभा बुलाकर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में सहभागिता के लिए स्नेहिल आमंत्रित दिया। इस मौके पर कलाकारों एवं प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए। मंत्री श्री भगत ने कलाकारों के सुझाव को गम्भीरता से लेते हुए इन क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों की समस्याओं के निराकरण के लिए माह में एक बार जन चौपाल की तर्ज पर कला चौपाल लगाने की घोषणा की। कला चौपाल के माध्यम से कलाकारों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यहां के कलाकारों निर्माता-निर्देशकों, लेखकों और तकनीशियनों को अवसर उपलब्ध कराने के लिए बेहतर फिल्म नीति तैयार किया गया है। इससे फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।  

संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने इस मौके पर बताया कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव राज्य सरकार का दूसरा बड़ा आयोजन है। इससे देश-विदेश में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिली है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के इस दूसरे आयेाजन में शामिल होने के लिए 7 देशों के कलाकारों की सहमति मिल गई है। नाइजीरिया, फिलिस्तीन और श्रीलंका के कलाकार रायपुर, छत्तीसगढ़ पहुंच चुके हैं। कल तक चार अन्य देशों के कलाकार भी आ जायेंगे। इसके अलावा देश के 27 राज्यों और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के कलाकार भी इस राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होंगे और अपने कला संस्कृति एवं परम्परा पर आधारित जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देंगे। इससे निश्चित ही एक-दूसरे के कला-संस्कृति एवं सांस्कृतिक विविधता से छत्तीसगढ़ को विश्व पटल पर एक अलग पहचान मिलेगी। सभा को पद्मश्री भारती बंधु और श्री दिलीप षड़ंगी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा सहित प्रदेश के फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकारों, निर्माता निर्देशकों सहित विविध कला क्षेत्र से जुड़े लोग मौजूद थे।

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