जिला चिकित्सालय जशपुर में कुष्ठ विकृति आधार शल्य क्रिया शिविर का आयोजन: कलेक्टर ने कहा शरीर में कोई भी छोटा सा दाग होता है इसका तुरंत ईलाज करवाए

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कुष्ठ के लक्षण में एक छोटा सा दाग विकलांगता को जन्म दे सकती है- डॉ कृष्ण मूर्ति काम्बले

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर: चिकित्सालय जशपुर में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आजादी के 75वें वर्षगांठ अमृत महोत्सव के अवसर पर कुष्ठ विकृति आधार शल्य क्रिया शिविर का आयोजन 28 नवम्बर से आगामी तीन दिन तक डॉ. कृष्ण मूर्ति काम्बले डायरेक्टर क्षेत्रीय कुष्ठ प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र संस्थान रायपुर द्वारा कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों का उपचार किया जाएगा।

कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने आज शिविर का शुभारंभ किया और मरीजों से मुलाकात करके स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने चिन्हांकित 15 मरीजों को इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रंजीत टोप्पो सिविल सर्जन, जिला अस्पताल के सलाहकार राजेश कुरील और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर उपस्थित थे।

शिविर में कलेक्टर ने सम्बोधित करते हुए डां कृष्ण मूर्ति काम्बले और पूरी उनकी टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा कि आप लोगों ने रायपुर से आकर जशपुर के मरीजों का सफल ऑपरेशन किया। कलेक्टर ने कुष्ठ रोग के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा कि शरीर में कोई भी छोटा सा दाग है तो इसका तुरंत ईलाज शुरू कर दें देर न करें किसी भी बीमारी को छुपाना नहीं चाहिए, बल्कि उसका बेहतर इलाज करना जरूरी है। कलेक्टर ने जिले के सभी विकासखंड में सरपंच, सचिव और मितानिन के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए कहा गया है।

कुष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉ कृष्ण मूर्ति काम्बले शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक दाग विकलांग को जन्म देती हैं कुष्ठ रोग से बचने के लिए समय पर दवाखाना बेहद जरूरी है उन्होंने कहा साधारणतः यह सर्जरी रायपुर या मेडिकल कॉलेज स्तर पर किया जाता है परन्तु क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुए जिला चिकित्सालय में भी शिविर आयोजित किया गया है।

डॉ कृष्ण मूर्ति काम्बले ने बताया कि कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति यदि विलंब से उपचार शुरू या पूर्णतः उपचार नहीं लेता है ऐसी स्थिति में हाथ, आँख, पैर में विकृति आ जाती है जिसे दवाई से ठीक नहीं किया जा सकता ऐसे व्यक्तियों के विकृतियों अंगों को सामान्य अवस्था में लाने के लिए विकृति सुधार शिविर का आयोजन कर उपचार किया जाता है। ताकि वह व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सके।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसे विकृति न सुधार शिविर के हितग्राही को भरण-पोषण की राशि 8000 है रूपये प्रति व्यक्ति को किस्तों में प्रदाय किया जाता है। इस संबंध में डॉ. कृष्ण मूर्ति काम्बले द्वारा बताया गया कि कुष्ठ की बीमारी में प्रारंभिक तौर पर मरीज को कोई परेशानी नहीं होती लेकिन उपचार नहीं लेने से या अपूर्ण या देरी से उपचार कराने से मरीज के आँख, हाथ, पैरो में वृकृति आ सकती हैं। बीमारी गंभीर होने से आंख पुतली बंद हो जाती है उंगली टेड़ी हो जाती है उन्होंने कहा कि कुष्ठ कोई छुआछुत की बीमारी नहीं है हाथ मिलाने से बीमारी फैलता नहीं है इसका एक ही इलाज है लोगों में जागरूकता लाना और डाक्टरों से समय पर इलाज शुरू कर देना। कुष्ठ अधिकारी ने जिले के सभी नागरिकों से आग्रह है कि कुष्ठ की शंका होने पर तत्काल परामर्श एवं उपचार कराए। शिविर में समाजसेवी गुलाब चन्द जैन ने 15 मरीजों को कंबल वितरित किया।

शिविर में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरंजन टोप्पो, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. संदीप भगत, डॉ. विनोद लकड़ा, सर्जन डॉ. भूपेष भगत, मेडिकल ऑफिसर डॉ. मिथलेश देवांगन, डॉ. सुनीता टोप्पो, फिजियोथेरेपिस्ट श्रीमती शर्मीला सिंह, डॉ. कार्तिक, श्री अनुग्रह किसपोट्टा, सहायक श्री टिकेन्द्र वर्मा, स्टाफ नर्स विनीता निकुंज, नूतन बड़ा, संजीता खलखो, श्रीमती रेखा राठौर, अनिमा एक्का, असुंता खुटे, नीलम टोप्पो, ओ.टी. टेक्नीशियन संजीव कुजूर, कंचन कुजूर, वार्ड बॉय/वार्ड आया पार्वती, अनिमा कुजूर, सुचिता, मीना बाई एवं काउंसलर एलिन तिर्की, उषा सोनवानी सेवाएं दे रहे हैं। 

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