नक्सलगढ़ बन चुके छत्तीसगढ़ की पहचान 4 साल में बदली : अविश्वसनीय विश्वसनीयता का बड़ा राजनैतिक उदाहरण बने भूपेश बघेल – रविन्द्र चौबे

नक्सलगढ़ बन चुके छत्तीसगढ़ की पहचान 4 साल में बदली : अविश्वसनीय विश्वसनीयता का बड़ा राजनैतिक उदाहरण बने भूपेश बघेल – रविन्द्र चौबे

December 18, 2022 Off By Samdarshi News

4 साल में कांग्रेस सरकार ने किसानों, मजदूरों को दिया 1 लाख 50 हजार करोड़

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि भूपेश जी का नेतृत्व अविश्वसनीय विश्वसनीयता का सबसे बड़ा राजनीति का उदाहरण बना। समूचे छत्तीसगढ़ में एक नारा चल रहा भूपेश है तो भरोसा है। लोगों का विश्वास लोकतंत्र में किसी राजनीतिक नेतृत्व के प्रति बहुत दिनों बाद दिखाई दिया। लोग ये समझते है कि भूपेश जी ने जो कहा उसको छत्तीसगढ़ की जनता उसको लक्ष्मण रेखा मानने लग गयी है। जो उनके जुबान से निकलेगा वो कार्य शत प्रतिशत पूरा होना है। जनता का इतना बड़ा भरोसा, इतना बड़ा विश्वास केवल चार सालों के कार्यकाल में नेतृत्व के द्वारा अर्जित किया गया, ये हमारे लिये सबसे बड़ी उपलब्धि है।

दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई हो सकती है। लगातार अपने राज्य के हित में हम केंद्र के साथ टकराव तक की स्थिति में जाते है, अपनी बात रखते है। कई बार ऐसा महसूस होता है राज्य और केंद्र का बड़ा टकराव है। लेकिन सबसे बड़ी सरकार की उपलब्धि में इसे गिन सकते है। इन सब चीजों के बावजूद भी पिछले नीति आयोग की बैठक में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे मुख्यमंत्री की  उनकी योजनाओं की छत्तीसगढ़ में किये जा रहे उनके कार्यों की सार्वजनिक प्रशंसा की है। नीति आयोग ऐसा प्लेट फार्म होता है जहां सारे हिन्दुस्तान के हुकूमत करने वाले सभी लोग बैठे रहते है और उस नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा उनकी योजनाओं की प्रशंसा और देश के अन्य राज्यों में उन कुछ योजनाओं को लागू करने के संदर्भ में मार्गदर्शन या दिशा निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार की भूपेश बघेल सरकार की 4 साल की इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है।

तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि छत्तीसगढ़ सरकार की है कि छत्तीसगढ़ को लोग नक्सलगढ़ कहना प्रारंभ कर दिये थे। लाल आतंक हमारी पहचान बन गयी थी। मैं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष था सरकार के खिलाफ जब भी बात कहनी होती थी हम उसी से शुरूआत करते थे कि बस्तर में सामानांतर सरकार चलायी जा रही है। तत्कालीन सरकार को हम लोग नेशनल हाईवे के दो किमी के बाद के अंदर की ही सरकार समझते थे, बाकी पूरा बस्तर लगातार इसी बात की चर्चा करता था कि नक्सलगढ़ हो गया है छत्तीसगढ़। देश में हमारी पहचान इसी प्रकार से थी कि लोग रायपुर में उतरते ही नक्सलियों से उनका सामना करना न पड़ जाये। हम लोगों ने देखा सारकेगुड़ा की घटना, चिंतागुफा की घटना, अन्य सारी घटनायें रीजगांव की घटनायें, मदनवाड़ा की घटना, दरभा की घटना पिछला भाजपा का 15 साल छत्तीसगढ़ लाल आतंक का साया था। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के केवल इन 4 सालों में जिसमें 2 साल कोरोना के कारण निकल गये। इतने विकास के काम हुये। मुख्यमंत्री ने इस प्राब्लम को सोशल इकोनॉमी प्रॉब्लम समझा, वहां के बेरोजगारों के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये। माइनस फारेस्ट प्रोड्युस की खरीदी सारे हिन्दुस्तान की टोटल खरीदी का 72% प्रतिशत केवल छत्तीसगढ़ से होती है। हमने उनके इकोनॉमी को बुस्टबू किया। वहां के नौजवानों को रोजगार दिया। वहां के डेवलपमेंट के सारे काम किये और अब छत्तीसगढ़ से लाल आतंक लगभग समाप्त हो गया। एकाध विकासखंड के किसी कोने में दिखाई दे तो अलग बात है। तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि छत्तीसगढ़ की लाल आंतक की जो पहचान बनी थी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पहचान को बदल दिया।

चौथी हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि हमारे योजनाओं के बारे में उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धतायें हो सकती है। लगातार रोज ट्वीट करने वाले भाजपा के नेता हमारी सारी योजनाओं की आलोचना करते है। लेकिन इस बात को कहने में बहुत खुशी होती है कि हमारी सभी योजनाएं कुपोषण से मुक्ति का अभियान, हमारी मेडिकल मोबाईल यूनिट, हाट बाजार क्लिनिक, गोधन न्याय योजना, खेतिहर मजदूर न्याय योजना, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सफाई के पूरे प्रदेश की योजना, महिला बाल विकास विभाग की योजना, बहुत सारी योजनाओं का जिक्र नहीं कर रहा हूं। लेकिन इन सारी योजनाओं को राष्ट्रीय प्लेट फार्म में सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में गिना गया है और इन सारी योजनाओं को देश की केंद्र की सरकार कहीं और एजेंसी की बात नहीं कर रहा हूं केंद्र की सरकार ने हमारी इन सारी योजनाओं को प्रशंसित ही किया है, ऐसा नहीं पुरस्कृत करके सम्मानित किया है। ये छत्तीसगढ़ के चार साल का सबसे बड़ा गौरव हमारी सारी योजनाओं को कृषि कर्मण पुरस्कार से ले करके, कृषि के उत्पादन से ले करके, स्वामीआत्मानंद स्कूल से ले करके हमारी जितनी भी योजनायें है उसको केंद्र सरकार ने स्वयं प्रशंसा किया और पुरस्कृत किया। आप लोग हर महीना मीडिया में एक खबर जरूर छापते है कि छत्तीसगढ़ की इस योजना को केंद्र सरकार ने सम्मान दिया और पुरस्कार दिया। हम लोग बहुत लोग है जो प्रधानमंत्री जी से पुरस्कार प्राप्त कर चुके है।

पांचवा सबसे बड़ा सरकार की उपल्बधि है, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष की सोच है वो अन्य सरकारों से भिन्न है। 1 लाख 50 हजार करोड़ छत्तीसगढ़ के किसानों को गरीबो को और वनोपज संग्रहण करने वाले साथियों और मजदूरो को 1 लाख 50 हजार करोड़ सरकार ने सीधा ट्रांसफर किया है। पिछली सरकार ने कहा कि हमने विकास किया, लेकिन कही डीओफो के स्विंमिग पूल को विकास माना, अधूरे स्काई वाक को विकास माना, चार साल इसकी मरम्मत नहीं हो सकी उसको विकास माना और इसे भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबका स्वरूप बदला। यहां रहने वाले लोगो के जेब में पैसा पहुंचना चाहिये। 1 लाख 50 हजार करोड़ गांव के गरीबो को पहुंचा है, तो गांव की इकोनामी दूर से दिखाई दे रही है। इन चार सालों में बहुत विकास हुआ है। इन पैसो के कारण गांव में व्यवसाय बढ़ा है और इसी पैसो के कारण शहरो में बाजार गुलजार दिख रहा है, अमन चैन दिख रहा है। छोटे व्यपारियों को भी लाभ हुआ है। ये सरकार के सिर्फ 4 साल के कारण हुआ है। हमारी बहुत सारी योजनायें है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में हर बार मै यह बात कहता हूं, गोधन न्याय योजना केन्द्रीय मंत्री के सामने जब मैं बैठा था, तो बात हुयी उन्होंने गोधन न्याय योजना की प्रशंसा की। उन्होंने सारे देश की कृषि मंत्रियो से कहा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना है वो पूरे देश में लागू होना चाहिये। इस गोधन न्याय योजना से लाखो लोगो को रोजगार मिला है। वर्मी पोस्ट खेतो में पहुंचाया है। छत्तीसगढ़ में आज की तारिख तक खाद की कमी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है। वर्मी पोस्ट और गोधन न्याय योजना के कारण खाद की कमी नहीं हुयी। राजीव गांधी भूमिहीन योजना हमने लागू किया और प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधी योजना लागू किया। 6 हजार रूपये सालाना देते है मतलब निराश्रित पेंशन योजना से भी कम। हम अपने गरीबो को जिससे पास 1 एकड़ भी जमीन नहीं है हम 7 हजार रू. सालाना दे रहे हैं। आने वाले समय में इसका और विस्तार किया जायेगा। इन योजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल है। हमारे किसानों को तेंदू पत्ता गन्ना की अच्छी कीमत मिल रही हैं, अब सरकार के द्वारा रोजगार बढ़ रहा है। कहने का आशय है कि 4 सालों में बहुत सी उपलब्धियां हुयी है।

4 साल रोजगार एवं युवा विकास के

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने युवाओं के रोजगार के लिये बेहतर योजना बनाकर कार्य किया। 4 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार एवं सरकारी नौकरी के माध्यम से रोजगार दिये। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद युवाओं के सरकारी नौकरी में भर्ती के द्वार खोले गये। नियमित और अनियमित दोनों प्रकार की भर्तियां निकाली गयी। राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2885 नौकरियां व्यापम के माध्यम से 4530 नौकरियां, 14580 शिक्षकों की भर्तियां, बिजली कंपनी में 3000 नौकरियां, स्वास्थ्य विभाग में 4000 नौकरियां, पुलिस विभाग में 8292 नौकरियां, राजस्व विभाग में 392 नौकरियां, वन विभाग में 3861 नौकरियां, महिला एवं बाल विकास विभाग में 800 से अधिक भर्तियां, 2,50,000 विभिन्न विभागों में नियमित भर्तियां की गयी, 44 विभागों में 3155 अनुकंपा नियुक्तियां, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज 1041 अन्य मेडिकल कॉलेजों में 230 नियुक्ति कृषि उद्यानिकी में 1200 नियुक्तियां इसके अलावा 1,47,000 अनियमित को नियमित कर रोजगार दिया। यह तो सरकारी विभागों के रोजगार है। कांग्रेस सरकार ने 14 लाख परिवारों को वन के माध्यम से रोजगार से जोड़ा तथा 26 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिया गया। 59175 बुनकरों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा शुरू किए गए रोजगार मूलक कार्यों का नतीजा है कि आज प्रदेश में बेरोजगारी दर 0.2% प्रतिशत है और यही भाजपा के लिए पीड़ा का विषय है। कांग्रेस की सरकार ने रोजगार, स्वरोजगार और सरकारी  नौकरी के माध्यम से लगभग 5 लाख युवाओं को रोजगार देने में सफलता अर्जित की है और आने वाले रोजगार मिशन के माध्यम से 5 साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य भी रखा है।

मोदी सरकार के गलत नीतियो के चलते भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है, यहां कामकाजी उम्र के 60 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं। 20 से 24 वर्ष की उम्र के 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं, बीते 8 साल में केंद्र सरकार के पास 22 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया। बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है, 26 प्रतिशत महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट गिरकर 15 प्रतिशत तक आ गया है। केंद्र और राज्य सरकारों के 60 लाख सरकारी पद रिक्त है इस पर नियुक्ति क्यों नहीं करवाई जा रही है ? सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करने वाले छोटे लघु मध्यम उद्योगों के लिए केंद्र सरकार के पास कोई नीति क्यों नहीं है ? निजी क्षेत्रों में निवेश बंद है, केन्द्र सरकार की नीतियों पर उनको भरोसा नहीं है युवाओं को स्थाई रोजगार देने के बजाय 4 साल के ठेके पर रखकर 23 वर्ष की आयु में रिटायर करने का षड्यंत्र क्यों किया जा रहा है ? मोदी सरकार को वायदे के अनुसार साढ़े 8 साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार देना था नहीं दिया।

पत्रकार वार्ता में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला, प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता आर.पी. सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, अमीन मेमन, विकास तिवारी, सुरेंद्र वर्मा, अजय गंगवानी उपस्थित थे। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कांग्रेस सरकार के चार साल के कामों की सूची जारी किया।

4 वर्ष गौरव और स्वाभिमान के – ’जो कहा सो किया’

कांग्रेस की सरकार ने अपने कार्यकाल के चार साल पूरा कर लिया है। यह चार साल गौरव और स्वाभिमान के है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के हर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर में परिवर्तन आया। कांग्रेस की सरकार ने हर वर्ग के विकास के लिये प्रभावी योजना बनाकर उनका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किया। किसानों का कर्जा माफ, युवाओं के लिये सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये, आऊट सोर्सिंग बंद किया गया, आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिये विशेष योजनायें बनाई गयी, राज्य की संस्कृति को सवंर्धित करने का काम किया गया।

1-किसानों का कर्जा माफ किया।

2-2500 रूपये में धान की खरीदी की गयी।

3-किसानों का जल कर माफ किया गया।

4-5 डिसमिल जमीनों की बंद रजिस्ट्री शुरू की गयी ।

5-लोहडीगुड़ा में 1700 आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीने लौटाई।

6-4.5 लाख से अधिक वन अधिकार पट्टो का पुनरीक्षण कर पट्टा आबंटन शुरू।

7-राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान 9000 रू. एकड़, मक्का, गन्ना, कोदो, दलहन फलदार वृक्षों की खेती करने वालों को प्रतिवर्ष 10 हजार की सहायता।

8-भूमिहिन कृषि मजदूरों की आय सुनिश्चित करने राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना। 7000/- रूपये प्रति वर्ष पंडित, लोहार, बैगा, मोची को।

9-तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 2500/- से 4000/- किया।

10-युवाओं को सरकारी नौकरी के द्वारा खोले गये शिक्षकों प्राध्यापकों सहित विभिन्न विभागों में सीधी भर्ती शुरू।

11-आउटसोर्सिंग बंद किया गया। 14580 नियमित शिक्षकों की भर्ती उच्च शिक्षा में 1500 प्रोफेसर भर्ती, स्वास्थ्य विभाग में भर्ती, पी.एस.सी. के माध्यम से भर्ती व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से नियमित भर्ती। 400 और शिक्षकों की भर्ती निकाली जा रही।

12-गोधन न्याय योजना से गोबर खरीद, गोवंश संरक्षण जैविक कृषि को बढ़ावा।

13-गोमूत्र खरीदी

14-नरवा, गरवा, घुरवा, बारी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सिंचाई के साधन सुदृढ़ करने का काम।

15-बस्तर में बायोटेक किसान हब की स्थापना।

16-डेयरी विकास के मद में 530 डेयरी स्थापित।

17-कृषक जीवन ज्योति में निःशुल्क विद्युत 5 हार्स पावर तक।

18-7 से बढ़ाकर 65 लघु वनोपज का समर्थन मूल्य में खरीदी।

19-जनजाति विकास के लिए पृथक सचिवालय स्थापित।

20-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग का अलग विभाग बनाया।

21-अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का गठन।

22-मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की स्थापना।

23-बस्तर, सरगुजा में कनिष्ठ चयन बोर्ड का गठन।

24-खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत 20 लाख तक इलाज की सुविधा।

25-गांव, मोहल्लों, शहरी स्लम में घर-घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का वायदा पूरा।

26-आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन रसोईयों के वेतन में वृद्धि का वायदा पूरा।

27-औद्योगिक विकास के वायदे को पूरा करने भूमि की दरों में 30 प्रतिशत की कमी सिंगल विंडो की स्थापना।

28-400 यूनिट तक बिजली बिल आधा किया गया, 44 लाख उपभोक्ता को सीधा फायदा।

29-कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए हर ब्लाकों में फूड पार्क के लिए जमीन आबंटित, कोण्डागांव, सिंगारभाट में कार्य प्रगति पर।

30-पिछले 4 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया और आने वाले 5 सालों में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया गया।

1 राम वन गमन पथ – भगवान राम ने अपने वनवास के 14 साल में से अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में गुजारे थे। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने भगवान राम के वनगमन पथ को पयर्टन स्थल के रूप में विकसित करना शुरू किया है। कोरिया के सीतामणि हरचौका से सुकमा के रामाराम तक 2260 किलोमीटर के इस मार्ग को रामवनगमन पथ के रूप में विकसित किया जायेगा।

2 कौशल्या माता मंदिर – विश्व में कौशल्या माता एकमात्र मंदिर राजधानी रायपुर से 15 कि.मी. दूर स्थित है। कांग्रेस सरकार ने माता कौशल्या के मंदिर का जीर्णोद्धार कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है।

3 छत्तीसगढ़ की संस्कृति व तीज त्योहारों को बढ़ावाः– विश्व आदिवासी दिवस, हरेली, तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, छेरछेरा पर अवकाश घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री निवास में इन पर्वो को गौरव और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

4 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम शासकीय विद्यालय के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को भी गुणवक्तायुक्त अंग्रेजी माध्यम शिक्षा में सुलभ।

5 राजीव युवा मितान क्लब के अंतर्गत 13,269 क्लबों को 132.69 करोड़ की अनुदान राशि देकर युवाओं के समग्र विकास के मार्ग खोला गया ।