बस्तर साहित्य महोत्सव : लाला जगदलपुरी जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित किया गया कवि सम्मेलन !

बस्तर साहित्य महोत्सव : लाला जगदलपुरी जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित किया गया कवि सम्मेलन !

December 18, 2022 Off By Samdarshi News

लाला जगदलपुरी बस्तर साहित्यिक आकाश के दैदीप्यमान नक्षत्र और पुरोधा हमेशा बनें रहेंगे.

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, बस्तर

जगदलपुर : लाला जगदलपुरी के जन्म समारोह के अवसर पर लाला जगदलपुरी केंद्रीय ग्रंथालय में शनिवार 17 को आयोजित को बस्तर साहित्य महोत्सव के अंतर्गत दूसरे सत्र में शाम को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संसदीय सचिव एवं विधायक जगदलपुर रेखचन्द जैन, अध्यक्षता इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्रीमती सफीरा साहू, महापौर, नगर पालिका निगम, पार्षद आलोक अवस्थी, पीडब्ल्यूडी सभापति यशवर्धन राव तथा शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री गौर नाथ उपस्थित रहे।

अपने उद्बोधन में रेखचन्द जैन ने लाला जी के साथ अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि लाला जी सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। एक साहित्यकार के रूप में लाला जगदलपुरी का दर्जा बस्तर के परिपेक्ष्य में कबीर, सूरदास, मीराबाई, जायसी, विद्यापति के समतुल्य है। राजीव शर्मा ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, जो अपने ज्ञान के आलोक से समूचे समाज को आलोकित करता है। उन्होंने कहा कि लाला जगदलपुरी बस्तर साहित्यिक आकाश के दैदीप्यमान नक्षत्र और पुरोधा हमेशा बनें रहेंगे।

श्रीमती सफीरा साहू ने कहा कि लालाजी ने अपनी कविताओं में लोक कथा के रंग बिखेरे हैं। यशवर्धन राव ने कहा कि लाला जी ने जो भी लिखा है वह कालजयी है। वे जो भी लिखते थे उसके लिए समय लेते थे और गहन अध्ययन करते थे। उसके उपरांत ही वह अपनी कविताओं एवं लेखों को संपूर्ण करते थे। आलोक अवस्थी ने कहा कि लाला जगदलपुरी ऐसे साहित्यकार हैं, जो अपने परिवेश से जुड़े थे और अपनी स्थानीय भाषा बोली में भी उन्होंने उल्लेखनीय रचनाएं की।

जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान ने कहा कि लाला जगदलपुरी केंद्रीय ग्रंथालय बस्तर में शिक्षा एवं रोजगार मार्गदर्शन के साथ-साथ साहित्य के प्रचार प्रसार में जुड़ा हुआ है। कार्यक्रम में शहर के विभिन्न कवियों ने कविता पाठ कर श्रोताओं का मन मोह लिया। इनमें मुख्य रूप से जोगेंद्र महापात्र जोगी, नरेन्द्र पाढ़ी, अवध किशोर शर्मा, उर्मिला आचार्य, मोहिनी ठाकुर, शशांक श्रीधर शेंडे, सनत कुमार जैन, बाबू बैरागी, पूर्णिमा सरोज, सतरुपा मिश्रा, भरत कुमार गंगादित्य, रामेश्वर प्रसाद चंद्रा, अनिल शुक्ला, सुषमा यादव, ज्योति चैहान एवं गीता शुक्ला ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन हरेंद्र राजपूत तथा धन्यवाद ज्ञापन ग्रंथालय प्रभारी पवन दीक्षित ने किया।