जशपुर कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों को कुपोषण से मुक्त करने सहयोग की अपील की, सभी सरपंच साथियों को सुपोषित पंचायत के लिए अधिक सकारात्मक प्रयास के लिए कहा

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अधोसंरचना विकास, समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कुपोषण मुक्ति क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए दी हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाएं दी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने जिले के सरपंच साथियों को नये साल 2023 के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए अपील करते हुए कहा कि नया वर्ष सभी पंचायतवासियों के लिए मंगलकारी हो। आशा है आप सभी स्वस्थ एवं कुशल होंगे। आप सभी के द्वारा ग्राम विकास हेतु अनेक कार्य किए जा रहे हैं। अधोसंरचना विकास, समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कुपोषण मुक्ति आदि क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि कुपोषण गंभीर समस्या है। कुपोषण एवं एनिमिया से पूरी पीढ़ी प्रभावित होती है। कुपोषण के दुष्चक्र को भेदना आवश्यक है। पौष्टिक आहार की उपलब्धता के साथ हमारे घर एवं वातावरण की स्वच्छता में कमी खानपान के प्रति हमारी आदतें, स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता का अभाव आदि पोषण स्तर को प्रभावित करता है ।

कलेक्टर ने कहा कि समस्त सरपंच साथी सुपोषित पंचायत के लिए और अधिक सकारात्मक प्रयास करेंगे,तो निश्चित ही कुपोषण की रोकथाम में हमें अधिक सफलता मिलेगी। उन्होंने ग्राम पंचायत की बैठक, ग्राम सभा का आयोजन आदि अवसरों पर कुपोषित बच्चों की संख्या की जानकारी साझा करने व कुपोषण की दर में सुधार एवं रोकथाम के उपाय पर चर्चा कर इसे जन आंदोलन बनाने की अपील की है।

इसी प्रकार कुपोषण में कमी लाने हेतु बच्चों को मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना का लाभ दिलाने, पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने हेतु परिवार को प्रेरित करने, रेडी टू ईट फूड के सही उपयोग पर माता-पिता एवं परिवार से चर्चा करने के लिए भी कहा है। कुपोषण में कमी लाने हेतु बच्चों का पूर्ण टीकाकरण, विटामिन ए तथा कृमि नाशक दवाईयों का सेवन समय पर हो यह भी सुनिश्चित किए जाने की बात कही।  स्थानीय स्तर पर घर में उपलब्ध अन्य पौष्टिक आहार, मौसमी फल, औषधीय भाजी, हरी सब्जी तथा दूध, अंडा आदि का उपयोग बढ़ाने हेतु परिवार को परामर्श देना के लिए कहा है। जिससे अपनी पंचायत में खानपान की आदतों में परिवर्तन हो सके। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर चिरायु टीम के भ्रमण के दौरान सभी बच्चों का स्वास्थ्य जाँच हो सके, इसके लिए कोटवार के माध्यम से मुनादी कराना चाहिए, ताकि बीमार बच्चों की जॉच एवं समुचित ईलाज कराया जा सके। प्रत्येक पंचायत में प्रति माह पोषण स्तर का प्रदर्शन करने के लिए एक कार्नर निर्धारित कर अवलोकनार्थ रखना चाहिए। पंचायत स्तर पर स्थानीय जरूरत के अनुसार विशेष पहल कर अन्य नवाचार गतिविधि अयोजित कर कुपोषण में कमी लाने हेतु सार्थक प्रयास किया जा सकता है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, परिसर की स्वच्छता हेतु कार्य किया जाना चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण वाटिका विकसित की जा सकती है। कुपोषण की रोकथाम में  उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका को सम्मानित भी किया जा सकता है। जिससे कार्य के प्रति उत्साह व प्रेरणा में वृद्धि हो सके।

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